नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में वीआईपी संस्कृति की जगह ‘ईपीआई’ (एवरी पर्सन इज इंपॉरटेंट) संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि लाल बत्ती का चलन खत्म हो गया है, लेकिन लाल बत्ती वाली सोच को खत्म करना जरूरत है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश का हर नागरिक समान रूप से महत्वपूर्ण है.
लाल बत्ती के चलन को खत्म करने का सरकार का फैसला प्रभावी होने के एक दिन बाद मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि देश की 125 करोड़ जनता का समान रुप से महत्व है. मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘देश में वीआईपी कल्चर के खिलाफ लोगों में नफरत है. फिर भी यह संस्कृति बहुत गहराई तक घर कर गई है. लालबत्ती तो गाडियों पर लगी होती है, लेकिन लाल बत्ती कुछ लोगों के दिमाग में बैठ गई थी.
सरकार द्वारा लाल बत्ती कल्चर को खत्म कर दिया गया, लेकिन कोई यह दावा नहीं कर सकता कि लाल बत्ती की सोच चली गई. अब दिमाग से भी लालबत्ती कल्चर को खत्म करने की जरुरत है.’ उन्होंने कहा, ‘‘न्यू इंडिया का सिद्धांत यह है कि वीआईपी की जगह ईपीआई को प्राथमिकता दी जाए. ईपीआई का मतलब ‘एवरी इंडियन इज इंपॉरटेंट’ है.
हर भारतीय महत्वपूर्ण है. हर भारतीय का मूल्य और महत्व है. चलिए सवा सौ करोड़ देशवासियों के महत्व को स्वीकार करिए. अगर हम सवा सौ करोड भारतीयों के महत्व को स्वीकारते हैं तो उस विशाल शक्ति की कल्पना करिए जिससे देश अपने बड़े सपनों को पूरा करेगा. हमें यह साथ मिलकर करना होगा.’
* मोदी ने वीआईपी कल्चर की चर्चा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीआईपी कल्चर के बारे में मन की बात में चर्चा करते हुए कहा, देश में वीआईपी की जगह इपीआई (Every Person Is Important हर सख्श महत्वपूर्ण) का महत्व बढ़े. पीएम मोदी ने कहा, सरकारी निर्णय से लाल बत्ती का जाना वो तो एक व्यवस्था का हिस्सा है, लेकिन हमें इसे मन से भी प्रयत्नपूर्वक बाहर निकालना है. हम सब मिलकर जागरूक प्रयास करें तो ये मन से भी निकल सकता है.
* कुछ युवा कंफोर्ट जोन में जिंदगी गुजारना चाहते हैं : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 31वें मन की बात में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, मुझे कभी-कभी चिंता हो रही है कि हमारी युवा पीढ़ी में कई लोगों को कंफोट जोन में ही ज़िंदगी गुज़ारने में मज़ा आती है. मां-बाप भी बड़े एक रक्षात्मक अवस्था में ही उनका लालन-पालन करते हैं.
अब परीक्षायें समाप्त हो चुकी हैं. छुट्टी का मज़ा लेने के लिये योजनायें बन चुकी होंगी. लेकिन मैं एक मित्र के रूप में आपका छुट्टी कैसा जाए, कुछ बातें करना चाहता हूं. मुझे विश्वास है कुछ लोग ज़रूर प्रयोग करेंगे और मुझे बतायेंगे भी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कई युवा कंफर्ट जोन में ही रहना चाहते हैं. लेकिन मैं गर्मियों की छुट्टी में जाने वाले युवाओं को तीन सुझाव देना चाहता हूं. पहला तो नई जगह घूमने जाएं, नये हुनर सीखें और बिना रिजर्वेशन की ट्रेन यात्रा करें.
* राज्य स्थापना दिवस पर मोदी ने गुजरात और महाराष्ट्र को शुभकामनाएं दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में बोले, आज अप्रैल महीना पूर्ण हो रहा है, आखिरी दिवस है. 1 मई को गुजरात और महाराष्ट्र का स्थापना दिवस है. इस अवसर पर दोनों राज्यों के नागरिकों को मेरी तरफ़ से बहुत-बहुत शुभकामनायें. दोनों राज्यों ने विकास की नयी-नयी उंचाइयों को पार करने का लगातार प्रयास किया है.
देश की उन्नति में योगदान दिया है और दोनों राज्यों में महापुरुषों की अविरत श्रंखला और समाज के हर क्षेत्र में उनका जीवन हमें प्रेरणा देता रहता है. और इन महापुरुषों को याद करते हुए राज्य के स्थापना दिवस पर 2022, आज़ादी के 75 साल, हम अपने राज्य को, अपने देश को, अपने समाज को, अपने नगर को, अपने परिवार को कहां पहुंचाएंगे इसका संकल्प लेना चाहिये. उस संकल्प को सिद्ध करने के लिये योजना बनानी चाहिये और सभी नागरिकों के सहयोग से आगे बढ़ना चाहिये. मेरी इन दोनों राज्यों को बहुत-बहुत शुभकामनायें हैं.
* मोदी ने संत रामानुजाचार्य और आंबेदकर को किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रामानुजाचार्य को याद करते हुए कहा, इस वर्ष संत रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती है. हमें उस समय के समाज के बारे में सोचना चाहिए. रामानुजाचार्य जी ने समाज की बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उन्होंने अपने आचरण द्वारा लोगों में अपनी जगह बनाई. अछूत कहे जाने वालों को गले लगाया. मंदिर प्रवेश के लिए आंदोलन किए. उन्होंने कहा कि भारत सरकार उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी करेगी.
पीएम ने कहा कि 1 मई को श्रमिक दिवस के रूप में भी बनाया जाता है. पीएम ने कहा इस मौके पर बाबा साहेब आंबेडकर की याद आती है. श्रमिकों के कल्याण के लिए उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है. जगत गुरु बश्वेश्वर ने भी श्रम श्रमिक पर गहन विचार रखे थे. उन्होंने कहा था कि अपने घर पर परिश्रम से भगवान प्राप्त होते हैं. उन्होंने कहा था कि श्रम ही ईश्वर है. पीएम नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा का जिक्र करते हुए कहा कि बुद्ध के विचार आज भी प्रासंगिक है.
गौरतलब हो कि 30 वें मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से बदलाव का अह्वान किया था. उन्होंने न्यू इंडिया के बारे में बात करते हुए कहा था कि सभी देशवासी अगर संकल्प करें और मिलकर कदम उठाते चलें, तो न्यू इंडिया का सपना हमारे सामने सच हो सकता है. हर कोई अपने नागरिक धर्म और कर्तव्य का पालन करे, यही अपने आप में न्यू इंडिया की एक अच्छी शुरुआत बन सकता है.’