पढें क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस, मजदूरों की योजनाओं के बारे में भी जानिए
आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है. इस दिन की शुरुआत 01 मई 1886 को हुई थी. अमेरिका के मजदूर संघों ने मिल कर निश्चय किया कि वे आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे. इसके लिए संगठनों ने हड़ताल भी की. हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम ब्लास्ट हुआ. इससे निपटने के लिए पुलिस […]
आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है. इस दिन की शुरुआत 01 मई 1886 को हुई थी. अमेरिका के मजदूर संघों ने मिल कर निश्चय किया कि वे आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे. इसके लिए संगठनों ने हड़ताल भी की. हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम ब्लास्ट हुआ. इससे निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी, जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गयी. 100 से ज्यादा घायल हो गए. इसके बाद 1889 में अंतराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में घोषणा हुई कि हेमार्केट नरसंहार में मारे गये निर्दोष लोगों की याद में एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा. आइए जानते हैं मजदूरों की योजनाओं के बारे में…
ये हैं स्कीम
श्रमिक औजार सहायता योजना : इसके तहत राज मिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कारपेंटर, कुली, पेंटर आदि को गुणवत्ता युक्त औजार कीट दिया जाता है. इसके लिए निबंधित श्रमिक होना जरूरी है. उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए.
साइकिल सहायता योजना : सिलाई मशीन के लाभुक श्रमिकों को छोड़ कर अन्य महिला श्रमिकों को इस योजना के तहत साइकिल दी जाती है. इसका उम्र सीमा 18-45 वर्ष निर्धारित है.
सिलाई मशीन सहायता योजना : बोर्ड द्वारा सिलाई मशीन चलाने के प्रशिक्षण के बाद सफल महिला लाभुकों को सिलाई मशीन दी जाती है. इसके लिए 35 से 60 वर्ष की निबंधित महिला श्रमिक होना है.
बाल श्रम शिक्षा प्रोत्साहन योजना : बाल श्रमिक अध्ययन केेंद्र, एनसीएलपी, विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों को प्रति वर्ष एक जोड़ी ड्रेस, स्कूल बैग, जूता-मोजा, बेल्ट, टाई व परिचय पत्र व एक सौ रुपये प्रति माह के हिसाब से एक हजार रुपये उपायुक्त सह अध्यक्ष एनसीएलपी बोर्ड द्वारा मिलता है. इसका लाभ एनसीएलपी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिलता है.
मेधावी पुत्र व पुत्री छात्रवृत्ति योजना: पहली कक्षा से स्नातकोत्तर व तकनीकी शिक्षा के लिए मेधावी बच्चों को 500 से 15 हजार रुपये तक की सालाना छात्रवृत्ति दी जाती है. यह लाभ निबंधित श्रमिकों के दो संतान को मिलता है.
चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना : स्वास्थ्य बीमा योजना से अलग इस योजना में गंभीर बीमारी जैसे-एड्स, हृदय रोग, कैंसर, गुर्दे की बीमारी आदि से पीड़ित लाभुकों या उनके परिवार के सदस्यों को पूर्ण चिकित्सकीय खर्च मिलता है. लाभ पाने के लिए परिवार और मजदूर को निबंधित होना होगा.
राष्ट्रीय पेंशन योजना : प्रति वर्ष प्रति लाभुक इस योजना में एक हजार का निवेश बोर्ड द्वारा प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए बोर्ड में निबंधन कराना जरूरी है.
ऐसे ले सकते हैं इसका लाभ
योजना का लाभ लेने के लिए निबंधित श्रमिकों को अपना हस्ताक्षरित आवेदन संबंधित क्षेत्र के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी या श्रम अधीक्षक को देना होगा. इसमें श्रमिक का पंजीयन क्रमांक भी होगा. आवेदन के जांच के बाद इसे 15 दिनों के अंदर उप श्रमायुक्त को अग्रसारित कर दिया जायेगा. उप श्रमायुक्त एक सप्ताह के अंदर प्रक्रिया पूरी कर लाभुक को योजना का लाभ दिलायेंगे.
यहां होगा निबंधन
जो श्रमिक निबंधित नहीं हैं वह अपना निबंधन संबंधित प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के यहां करवा सकते हैं. सदर क्षेत्र के श्रमिकों का निबंधन उप श्रमायुक्त कार्यालय में होगा. रांची में उप श्रमायुक्त का कार्यालय डोरंडा स्थित होटल अशोक के पीछे है. झारखंड सरकार ने मजदूरों के ऑन लाइन निबंधन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. मजदूर खुद भी अपना निबंधन ऑनलाइन कर सकते हैं. समय-समय पर श्रम विभाग कैंप लगा कर भी मजदूरों का निबंधन करता है.