‘मिशन गुजरात’ पर राहुल गांधी, आदिवासी वोट बैंक के जरिये मजबूत करेंगे कांग्रेस का आधार
नयी दिल्ली : वर्ष 2014 के आम चुनावों के बाद से लगातार हार झेल रही कांग्रेस अबगुजरात में अपनी खोयाजनाधार तलाशने की कोशिश में जुट गयी है. इसकेलिएपार्टीउपाध्यक्ष राहुल गांधी‘मिशन गुजरात’ पर हैं. वह यहां एक रैली को संबोधित करेंगे और आदिवासी वोट बैंक के जरिये पार्टी का आधार मजबूत करने के लिए एड़ी-चोटी का […]
नयी दिल्ली : वर्ष 2014 के आम चुनावों के बाद से लगातार हार झेल रही कांग्रेस अबगुजरात में अपनी खोयाजनाधार तलाशने की कोशिश में जुट गयी है. इसकेलिएपार्टीउपाध्यक्ष राहुल गांधी‘मिशन गुजरात’ पर हैं. वह यहां एक रैली को संबोधित करेंगे और आदिवासी वोट बैंक के जरिये पार्टी का आधार मजबूत करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगायेंगे.
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रैली गुजरात में अपनी पकड़ बनाने की कांग्रेस की कोशिश मानी जा रही है. कांग्रेस की मध्य और दक्षिण गुजरात में आदिवासी वोटरों पर पकड़ भी थी, लेकिन भूतपूर्व मुख्यमंत्री अमरसिंह चौधरी के निधन के बाद पार्टी का जनाधार लगातार खत्म होता गया. इधर, पटेल का कहना है कि रैली का मुख्य उद्देश्य राज्य में आदिवासी समुदाय की हालत को सामने लाना है.
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दरअसल, कांग्रेस उपाध्यक्ष गुजरात में नर्मदा जिले के देदियापाड़ा में एक रैली को एक मई को संबोधित करेंगे. इससे पहले वह 21 दिसंबर को मेहसाणा आये थे, जहां उनकी एक रैली हुई थी. गुजरात में इस साल विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं और कांग्रेस यहां लगभग ढाई दशक से सत्ता से दूर है.राहुल की रैली पर गुजरात के मुख्यमंत्री ने कटाक्ष किया और कहा कि इससे भाजपा को ही फायदा होगा.
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मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि ‘डूबती हुई’ कांग्रेस पार्टी के नेता की आम सभाओं सेभाजपा को फायदा ही होगा. कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है. यह साबित हो चुका है कि जहां-जहां राहुल गांधी की रैली हुई, वहां-वहां कांग्रेस चुनाव हारी. हम पार्टी से अनुरोध करते हैं किवह अगले तीन महीने में गुजरात मेंराहुलगांधी की अधिक से अधिक रैलियां आयोजित करें.
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ज्ञात हो कि पिछले पांच राज्यों में हुए चुनावों में कांग्रेस को सिर्फ पंजाब में ही जीत मिली. हालांकि, मणिपुर और गोवा में उसका प्रदर्शन भाजपा से बेहतर रहा, लेकिन वह सरकार बनाने से चूक गयी. इसलिए गुजरात पर कांग्रेस की खासी नजर है.