नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान द्वारा दो भारतीय सैनिकों के शवों को क्षत विक्षत करना एक बर्बरतापूर्ण कृत्य है तथा सशस्त्र बल इसकी समुचित प्रतिक्रिया करेंगे. जेटली ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि इस तरह के हमले तो युद्ध में भी नहीं होते तथा समूचे देश को सशस्त्र बलों पर पूरा विश्वास है.
उन्होंने कहा, ‘सैनिकों के शवों को क्षत विक्षत किया जाना बर्बरतापूर्ण कृत्य का भीषण स्वरुप है. भारत सरकार इस कृत्य की कडी भर्त्सना करती है. पूरे देश को हमारे सशस्त्र बलों पर पूरा विश्वास है तथा वे इस कृत्य पर समुचित प्रतिक्रिया करेंगे.’ रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि यह निंदनीय एवं अमानुषिक कृत्य है. इस प्रकार के हमले युद्ध में भी नहीं होते.
विपक्षी नेताओं ने भी की भर्त्सना
मोदी सरकार और राजनीतिक दलों ने जम्मू कश्मीर में दो भारतीय सैनिकों का सिर धड़ से अलग किये जाने को लेकर आज पाकिस्तान की आलोचना की. वहीं, भाजपा के एक सांसद ने पाकिस्तानी सेना से इसी तरह का सलूक करने पर जोर दिया. भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने जैसे को तैसा वाला जवाब देने की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान सिर्फ एक भाषा समझता है और इसलिए हमें और अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को मार डालने और उनके साथ वैसा ही सलूक करने की जरुरत है.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ऐसी हरकत कर पाकिस्तान अपनी ही तबाही की ताबीर लिख रहा है. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पाकिस्तान की निंदा की लेकिन कहा कि सरकार को पहले अपना घर ठीक करना चाहिए और ऐसी घटनाएं नहीं होने देनी चाहिए. येचुरी ने कहा कि पाकिस्तान के विशेष बलों द्वारा ऐसी हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमें उन्हें ऐसी चीजें करने के लिए मौका नहीं देना चाहिए. हमें अपना घर ठीक करने की जरुरत है.’ उन्होंने कहा कि सभी विषयों (अशांत राज्य से जुड़े) का कूटनीतिक हल करना होगा और सरकार को विपक्ष से परामर्श करना चाहिए, जिसे दोनों देशों के बीच मुद्दों के बारे में अंधेरे में रखा गया है.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान में अमानवता और बर्बरता नियम बन गया है. उन्होंने कहा कि यह हरकत सजा के बगैर नहीं रहेगी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तहत सेना को बगैर उकसावे के पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघनों का जवाब देने से रोका नहीं गया है.