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लालबत्ती : नेताओं को ही नहीं, अफशरशाही को भी लगी है बत्ती की लत….

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार का अतिविशिष्ट (वीवीआईपी) और विशिष्ट (वीआईपी) संस्कृति को समाप्त करने के लिए वाहनों से लालबत्ती हटाने के आदेश सोमवार से पूरे देश में एक साथ भले ही लागू हो गया है. इसके बिना न केवल लालफीताशाही नेताओं का आक्रोश लोगों को देखने को मिल रहा है, बल्कि देश के अफसरशाही […]

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार का अतिविशिष्ट (वीवीआईपी) और विशिष्ट (वीआईपी) संस्कृति को समाप्त करने के लिए वाहनों से लालबत्ती हटाने के आदेश सोमवार से पूरे देश में एक साथ भले ही लागू हो गया है. इसके बिना न केवल लालफीताशाही नेताओं का आक्रोश लोगों को देखने को मिल रहा है, बल्कि देश के अफसरशाही में भी इसे लेकर रोष बना हुआ है. हालांकि, कहने के लिए तो देश के नेताओं की गाड़ियों से लालबत्ती को हटा दिया गया है, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के विपरीत अतिविशिष्ट अधिकारियों के मन से लालबत्ती का मोह नहीं उतर रहा है. इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों ने इसका तोड़ निकालते हुए अब अपनी गाड़ियों के आगे पदनाम वाले स्टिकर लगा लिये हैं. सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नोएडा में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला.

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मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, सोमवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित जिला मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक के दौरान पार्किंग में खड़ी उनकी गाड़ियों पर बत्तियां तो नहीं थीं, लेकिन जिलाधिकारी के अलावा अन्य लगभग सभी की गाड़ियों पर पदों के स्टिकर लगे हुए दिखाई दिये. तहसीलदार ने अपनी गाड़ी पर मजिस्ट्रेट लिखवाया है, तो एसडीएम, एडीएम व अन्य अफसरों ने भी पद लिखवा लिये हैं. लोगों में चर्चा है कि अपनी वीआईपी पहचान बताने के लिए ये गाड़ियों पर पद लिखे गये हैं. प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात में कहा था कि लालबत्ती वाले वाहनों से ही नहीं, मन से भी इसका मोह हटाएं.

उत्तर प्रदेश के अलावा, बिहार के नेताओं में भी लालबत्ती के प्रति मोह दिखायी दिया. इस मोह में उनका गुस्सा परिवहन विभाग पर उतरता दिखायी दिया. बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के प्रमुख घटक दल राजद के नेता और विधायक भाई वीरेंद्र सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि गाड़ियों से लालबत्ती उतारने का फैसला किस मंत्रिमंडल का है? उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि अगर यह हमारे राज्य सरकार का फैसला होगा, तभी हम उस नियम का पालन करेंगे.

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