दर्द होने पर 23 वर्षीय युवक ने मां से कराया मसाज, मौत
नयी दिल्ली : अगली बार आप जब शरीर के किसी हिस्से में लंबे समय से हो रहे किसी दर्द से निजात पाने के लिए मालिश कराने की सोचे तो यह ध्यान रखे कि यह आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. एक दर्दनाक घटना के तहत बैडमिंटन खेलते हुए एड़ी में लगी चोट के […]
नयी दिल्ली : अगली बार आप जब शरीर के किसी हिस्से में लंबे समय से हो रहे किसी दर्द से निजात पाने के लिए मालिश कराने की सोचे तो यह ध्यान रखे कि यह आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. एक दर्दनाक घटना के तहत बैडमिंटन खेलते हुए एड़ी में लगी चोट के बाद 23 वर्षीय एक व्यक्ति को अंदरुनी नसों में खून का थक्का जमने से होने वाला डीप वीन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) हो गया था और दर्द कम करने के लिए उसने अपनी मां से अपने पैर की मसाज कराई जिसके बाद उसकी मौत हो गयी.
डीवीटी एक गंभीर स्थिति है जो व्यक्ति की अंदरुनी नसों में खून का थक्का जमने से होती है. चिकित्सकों के अनुसार एडी में फ्रैक्चर के बाद अंदरुनी नसों में खून का थक्का जमना असामान्य नहीं है लेकिन लोगों को मसाज करवाने में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि कुछ मामलों में यह घातक साबित हो सकता है. एम्स के डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम किये जाने के दौरान यह मामला प्रकाश में आया. मेडिकल-लीगल जर्नल के ताजा अंक में यह मामला प्रकाशित हुआ है.
पोस्टमार्टम से यह पुष्टि हुई कि 5 सेंटीमीटर लंबा और 1 सेंटीमीटर चौड़ा थक्का मसाज करने के कारण अपने स्थान से हट गया और फेफड़ों तक पहुंच गया जिसके कारण रुकावट होने से व्यक्ति की तुरंत मौत हो गयी. दिल्ली निवासी इस व्यक्ति की गत वर्ष 15 सितंबर को बैडमिंटन खेलते हुए बायीं एडी में चोट लग गई थी जिसके बाद उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसके पैर को स्थिर रखने के लिए प्लास्टर लगाया गया.
17 अक्तूबर को प्लास्टर हटा दिया गया और वह सामान्य तौर पर चल सकता था. बाद में उसने बायीं पिंडली, बायीं एडी और पैर में दर्द तथा सूजन की शिकायत की जिसके बाद उसके टेस्ट किये गये जिसमें पता चला कि उसके पैर की नस में खून का थक्का जमा हुआ है.
एम्स में एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ फारेंसिक मेडिसिन चितरंजन बेहरा ने कहा, ‘‘जब फिर से दर्द हुआ तो उसकी मां ने उसकी बायीं पिंडली की मसाज की. मसाज के बाद उसे सीने में तेज दर्द हुआ, सांस लेने में दिक्कत हुई और वह बेहोश हो गया.” बेहरा के अनुसार व्यक्ति को बेहोशी की हालत में 31 अक्तूबर को एम्स के आपातकाल विभाग में लाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.