नयी दिल्ली. सीबीआइ तथा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम लंदन पहुंची है जो कि संकट में फंसे उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण के बारे में स्थानीय अधिकारियों से विचार विमर्श करेगी. सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ के अतिरिक्त निदेशक राकेश अस्थाना की अगुवाई में यह चार सदस्यीय टीम ब्रिटेन के अधिकारियों को माल्या के खिलाफ ऋण भुगतान में असफल रहने के मामलों की बारीकी से जानकारी देगी. इस टीम में प्रवर्तन निदेशालय के दो वरिष्ठ अधिकारी भी हैं.
माल्या के प्रत्यर्पण का मामला इस समय ब्रिटेन की एक अदालत में है जहां न तो सीबीआइ और न ही प्रवर्तन निदेशालय सीधे कोई पक्षहैं. एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय एजेंसियां वहां अदालत में भगोड़ों की ओर से दायर याचिकाओं के विरोध में ब्रितानी अभियोजकों की मदद करती है. भारत से टीम लंदन भेजने का उद्देश्य यही है कि माल्या के प्रत्यर्पण के लिए वहां की अदालत में मजबूत मामला बनाया जा सके.
उल्लेखनीय है कि 61 वर्ष के माल्या को भारत के प्रत्यर्पण आग्रह पर पिछले महीने ब्रिटेन के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, लंदन की एक अदालत ने कुछ ही घंटे में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया. इस मामले में अब 17 मई को सुनवाई होनी है. यह गिरफ्तारी आइडीबीआइ बैंक में 900 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान नहीं करने से जुड़े मामले में हुई. इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है. माल्या की फिलहाल बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस पर विभिन्न बैंकों का (ब्याज सहित) 9000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. माल्या दो मार्च 2016 को भारत से ब्रिटेन चले गये थे. सीबीआइ ने उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किये हैं. एक तो आइडीबीआइ बैंक से जुड़ा है, जबकि दूसरा मामला भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले समूह की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है.