आप में रार, कुमार विश्वास छोड़ेंगे पार्टी!

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास और विधायक अमानतुल्ला खान के बीच आपसी विवाद बढ़ने के कारण पार्टी में टूट का संकट गहरा गया है. ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाये जाने के बाद कुमार विश्वास ने पार्टी छोड़ने तक के संकेत दे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2017 11:04 PM

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास और विधायक अमानतुल्ला खान के बीच आपसी विवाद बढ़ने के कारण पार्टी में टूट का संकट गहरा गया है. ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाये जाने के बाद कुमार विश्वास ने पार्टी छोड़ने तक के संकेत दे दिये हैं.

विश्वास ने पार्टी में उनके खिलाफ साजिश रचे जाने का आरेाप लगाते हुए ‘आप’ में अपने भविष्य का फैसला करने की बात कही है. इतना ही नहीं विश्वास ने साेमवारको पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में पार्टी नेताओं को मीडिया से बात करने पर परहेज बरतने के फैसले को धता बताते हुए संवाददाताओं से औपचारिक बातचीत में कहा कि वह पार्टी की गलतियों को उजागर करते रहेंगे और देशहित में जो भी सही होगा उसे बोलने से नहीं रुकेंगे.

विश्वास के सोमवार को पीएसी की बैठक में शामिल नहीं होने पर पार्टी में टकराव की स्थिति सार्वजनिक रूप से सतह पर आ गयी थी. हालांकि, खान और विश्वास द्वारा पार्टी के अंदरुनी मामलों पर सार्वजनिक बयानबाजी करने की पीएसी में कड़ी निंदा की गयी. इस पर खान ने पीएसी से इस्तीफा दे दिया जिसे स्वीकार भी कर लिया गया. विश्वास ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आप संयोजक पद से हटा कर उन्हें यह जिम्मेदारी देने की मांग के सवाल पर कहा कि उनके मन में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या आप संयोजक बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. पंजाब, गोवा विधानसभा चुनाव और नगर निगम चुनाव में आप के लचर प्रदर्शन को देखते हुये पार्टी के तमाम विधायक केजरीवाल को पार्टी संयोजक पद से हटाने की पैरोकारी कर रहे हैं.

विश्वास ने भावुक होते हुए कहा कि ‘मैं यह बात केजरीवाल और सिसोदिया को पहले ही बता चुका हूं कि मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है. ना ही मैं स्वराज इंडिया या किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने जा रहा हूं.’ हालांकि, उन्होंने यह जरुर कहा कि खान अगर केजरीवाल या सिसोदिया के खिलाफ कुछ भी बोलते तो उन्हें 10 मिनट के भीतर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता. इससे पहले मंत्री कपिल मिश्रा सहित आज आप के वरिष्ठ नेताओं ने विश्वास से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की. लेकिन, इसका कोई खास असर होता नहीं दिखा.

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