निर्भया के बलात्कारियों को होगी फांसी, सुप्रीम कोर्ट ने जब सुनाया फैसला तो बजी तालियां

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By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2017 11:09 AM

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नयी दिल्ली :पूरे देश को झकझोर देने वाले दिल्ली गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए दोषियों की सजा बरकरार रखी है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले के दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश की फांसी की सजा कायम रखी. आपको बता दें कि चारों ने इस सजा को अदालत में चुनौती दी थी. इससे पहले, अदालत ने 27 मार्च को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. पूरे देश की नजर फैसले पर थी. निर्भया के माता-पिता सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे.

निर्भया केस में सर्वसम्मति से तीनों जजों ने फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया केस को बर्बरतापूर्ण घटना करार दिया. कोर्ट ने कहा कि इस बर्बरता के लिए माफी नहीं दी जा सकती. यह गुनाह ऐसा है कि इसमें माफी की गुंजाइश ही नहीं है. कोर्ट के फैसले के बाद कोर्ट रूम में तालियां बजी. सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कठोर सजा मिलेगी तभी समाज में भरोसा पैदा होगा.

आइए जानते हैं निर्भया गैंगरेप केस में अब तक क्या क्या हुआ…

VIDEO: निर्भया गैंगरेप के दोषी ने की खुदकुशी की कोशिश, वकील ने बताया साजिश

16 दिसंबर, 2012: पैरामेडिकल की पढ़ाई कर रही निर्भया अपने दोस्त के साथ फिल्म देखकर मुनीरका से द्वारका की ओर अपने घर की ओर जा रही थी. दिन था रविवार. जब वह बस में सवार हुई तो थोड़ी देर बाद उसके साथ बस में मौजूद लोगों ने छेड़छाड़ शुरू कर दी. निर्भया के दोस्त ने छेड़छाड़ का विरोध किया, लेकिन उन सब लोगों ने उसके साथ मारपीट की और उसे इतना पीटा गया कि वह बेहोश हो गया. जिसके बाद 6 आरोपियों ने निर्भया के साथ गैंगरेप को अंजाम दिया और वहशीपन की सभी हदों को पार कर दिया.

गया में निर्भया कांड : गैंगरेप के बाद छात्रा को झाड़ियों में फेंका

18 दिसंबर, 2012: इस गैंगरेप की खबरें धीरे-धीरे सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. लोगों का गुस्सा बढ़ने लगा जिसके बाद पुलिस ने केस की तफ्तीश तेज की और जल्द ही आरोपी राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया.

21 दिसंबर, 2012: मामले में नाबालिग आरोपी को दिल्ली से और अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया.

29 दिसंबर, 2012: निर्भया की रात के करीब सवा दो बजे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी.

3 जनवरी, 2013: पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती आदि आरोपों के तहत चार्जशीट दाखिल की. निर्भया के माता-पिता ने मांग की कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए.

17 जनवरी, 2013: फास्ट ट्रैक अदालत ने पांचों आरोपियों पर आरोप तय किये.

23 जनवरी, 2013: जस्टिस जे.एस. वर्मा की अगुवाई में एक जांच कमेटी गठित की गयी.

28 जनवरी, 2013: स्पेशल पैनल ने अपील की कि इस केस में आरोपी नाबालिग पर अलग कोर्ट में सुनवाई की जाए. साथ ही आरोपी के नाबालिग होने की वजह से उसके साथ कोई नरमी नहीं बरती जाए.

11 मार्च, 2013: केस में मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर की.

31 अगस्त, 2013: जिला मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल की अध्यक्षता वाली जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) ने मेडिकल छात्रा के बलात्कार और हत्या के आरोप में नाबालिग को दोषी ठहराया और उसे 3 साल तक विशेष गृह में रखने की सजा सुना दी.

10 सितंबर, 2013: फास्ट ट्रैक अदालत ने चार अन्य आरोपियों को 13 अपराधों के लिए दोषी ठहराया.

13 सितंबर, 2013: सभी आरोपी मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को सजा-ए-मौत की सजा कोर्ट ने सुनाई.

13 मार्च, 2014: आरोपियों की फांसी की सजा के खिलाफ की गयी अपील पर सुनवाई. दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा.

18 दिसंबर, 2015: दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग दोषी के रिहा पर रोक की अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया. किशोर को तीन साल सजा के बाद एनजीओ की निगरानी में रखने का आदेश दिया गया.

3 अप्रैल, 2016: 19 महीनों बाद एक बार फिर जस्टिस दीपक मिश्रा, वी. गोपाल गौड़ा और कुरियन जोसेफ की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट में निर्भया केस की सुनवाई हुई.

8 अप्रैल, 2016: वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन और संजय हेगड़े को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया गया.

11 जुलाई 2016 से 3 फरवरी 2017: निर्भया गैंगरेप केस में सुनवाई चली. दोषियों ने अपनी फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और शीर्ष अदालत फिलहाल इस पर सुनवाई कर रही है.

27 मार्च, 2017: सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई करते हुए दोषियों की फांसी के खिलाफ की गयी अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रखा और 5 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

5 मई, 2017:सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की सजा बरकरार रखी. मामले में चारो आरोपियों को अब फांसी होगी.

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