दिल्ली गैंगरेप: मौत से पहले निर्भया ने कहा था- दोषियों को छोड़ना मत…

नयी दिल्ली : निर्भया कांड के दोषियों की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. पूरे देश ने सर्वोच्च अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है. चारों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट में फांसी के फंदे तक ले जाने में आखिरी बयान अहम रहा. निर्भया ने मौत से पहले कहा था, ‘जिन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2017 7:46 AM

नयी दिल्ली : निर्भया कांड के दोषियों की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. पूरे देश ने सर्वोच्च अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है. चारों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट में फांसी के फंदे तक ले जाने में आखिरी बयान अहम रहा. निर्भया ने मौत से पहले कहा था, ‘जिन्होंने मेरे साथ यह किया, उन्हें छोड़ना मत.’

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस बयान को साक्ष्य माना और जिक्र किया. कहा कि 16 दिसंबर को जब लड़की अपने दोस्त के साथ पीवीआर सिनेमा से निकली तो उसने सोचा भी नहीं होगा कि बस में मौजूद छह लोगों की हवस का शिकार बनेगी. इन लोगों ने काम पिपासा के लिए लड़की के प्राइवेट पार्ट को क्षत-विक्षत किया. दरिंदगी के बाद उसे उसके दोस्त के साथ बिना कपड़ों के सड़क पर फेंक दिया. उन पर बस चढ़ाने की कोशिश की.

फैसले में कहा, शरीर का कोई ऐसा भाग नहीं था जहां दोषियों ने दांत नहीं काटा हो. रॉड को प्राइवेट पार्ट में डाला गया. इस दौरान लड़की का इंटेस्टाइन डैमेज हुआ. दोषियों की ये तमाम हरकतें उनके मानसिक विकार को दिखाती हैं, जो कल्पना से परे हैं और बर्बरता की सीमा पार करती हैं.

कोर्ट ने नहीं मानी दोषियों की दलील कि वह बस में नहीं थे मौजूद

कोर्ट ने चार दोषियों में से तीन की अपराध स्थल पर उपस्थिति नहीं होने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह सोच बाद में आयी. अदालत ने कहा कि उन्होंने गैरमौजूदगी की याचिका के समर्थन में जो साक्ष्य पेश किये हैं वे असंगत और विरोधाभासी हैं. दोषी पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने दावा किया था कि 16 दिसंबर, की शाम को वे डीडीए डिस्ट्रक्टि पार्क में क्रिसमस पर संगीत कार्यक्रम में थे और वे बस में नहीं थे.

मैं फैसले से संतुष्ट हूं. यह देश में कानून के शासन के लिए बड़ा दिन है. इस मामले को लेकर देश में बहुत गुस्सा और तनाव था. लोग नाराज थे. बहादुर लड़की से अन्याय होना शर्मनाक और क्रूर था.

रविशंकर प्रसाद ,कानून मंत्री

देश की आत्मा को झकझोर देनेवाले मामले में न्याय हुआ. मैं भारत की इस बहादुर बेटी के साहसी परिवार के प्रति दिल से सहानुभूति रखती हूं जो यौन हिंसा के खिलाफ हर महिला की लड़ाई में प्रतीक बन गयी है.

सोनिया गांधी,कांग्रेस अध्यक्ष

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