India wants to know : लालू – शहाबुद्दीन का ऑडियो नया है या पुराना ?
नयी दिल्ली :नये चैनल रिपब्लिक की शुरुआत धमाकेदार हुई. पहले ही दिन अर्नब ने बिहार की राजनीति में बवाल मचा दिया जिसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ा है. टीवी, राजनीति और सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को जोर शोर से चर्चा हो रही है लालू यादव – शहाबुद्दीन की बातचीत का ओडियो उन्होंने पहले […]
नयी दिल्ली :नये चैनल रिपब्लिक की शुरुआत धमाकेदार हुई. पहले ही दिन अर्नब ने बिहार की राजनीति में बवाल मचा दिया जिसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ा है. टीवी, राजनीति और सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को जोर शोर से चर्चा हो रही है
लालू यादव – शहाबुद्दीन की बातचीत का ओडियो उन्होंने पहले दिन अपने न्यूज चैनल पर दिखाया . इस खबर के बाद दूसरे न्यूज चैनल ने भी इस कवर करना शुरू किया. भाजपा ने इसे बड़ा खुलासा बताते हुए लालू यादव और बिहार सरकार से सवाल किये. एक तरफ राजनीतिक बवाल मचा है, तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया भी चुप नहीं है. सोशल मीडिया पर कुछ लोग अर्नब की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ अर्नब की शुरुआत पर सवाल खड़े . वहीं कुछ पत्रकार इस टेप को पुराना बता रहे हैं. पढ़िये रिपब्लिक के खुलासे पर क्या कह रहा है सोशल मीडिया.
राजनीतिक विशलेषक, लेखक श्री देवी खोसला ने अर्नब पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया है कि वह आरएसएस और भाजपा के एजेंडे को अपने न्यूज चैनल के दम पर आगे बढ़ायेंगे. उन्होंने सिर्फ सवाल उठाने तक खुद को सीमित नहीं रखा बल्कि एक खुला खत लिखकर अर्नब से कई सवाल पूछ हैं.
अर्नब पर सवाल खड़े हो रहे तो दूसरी तरफ बधाई देने वालों का भी तांता लगा है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु सहित कई नेताओं ने रिपब्लिक की शुरूआत पर बधाई दी.
Arnab very best to you for new venture,u always set bar high & you excel,sure u will better own record @republic #ArnabGoswami #republictv
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) May 6, 2017
पत्रकार राणा आयूब ने ट्वीट में सवाल किया है कि क्या अर्नब गुजरात टेप और फाइल्स पर कवरेज करके अमित शाह और पीएम मोदी से भी सवाल पूछ सकते हैं.
I think Arnab Goswami will have the guts to play #GujaratFiles tapes too and get a comment from amit shah and BJP https://t.co/yN2eEB7uf4
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) May 6, 2017
कई लोग इस चैनल की शुरुआत को असल पत्रकारिता की शुरुआत कह रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई ऐसे ट्वीट है जो इशारा करते हैं कि कई नेताओं की नींद उड़ी है कि उनका पोल ना खुल जाए. रिपब्लिक चैनल की शुरूआत पर दूसरे नेताओं का क्या हाल यह समझाने के लिए कृष्णा ने केजरीवाल की एक फोटो ट्वीट की है. आप भी देखिये
Now who did this? 😂😂#republictv pic.twitter.com/DbsGoVoafz
— Krishna (@Atheist_Krishna) May 6, 2017
बिहार से पत्रकारिता कर रहे है आशुतोष इसे अच्छी शुरुआत मानते हैं. अर्नब की धमाकेदार वापसी के भी कई लोग कायल है. आशुतोष लिखते हैं,हिलाय दियो रे पहले दिन ही आयके
वहीं कुछ लोग अर्नब के इस सुपर एक्सक्लूसिव खबर पर सवाल उठा रहे हैं. बिहार – झारखंड में लंबी पत्रकारिता का अनुभव रखने वाले पुष्यमित्र लिखते हैं,अरनब जिस खबर से रिपब्लिक को अगले दिन की नेशनल न्यूज बनाना चाहते थे, वह लगभग गिर चुकी है. यह कोई स्टिंग नहीं है. एक साल पुराना ऑडियो क्लिप था, जो कई लोगों के पास रहा होगा. प्रकाश भाई ने उसे एक्सक्लूसिव कह कर अरनब को चिपका दिया और अरनब ने उसे सुपर एक्सक्लूसिव कह कर चला गया.
बहरहाल नतीजा यह हुआ कि तथाकथित इंटरनेशनल चैनल कही जाने वाली रिपब्लिक पहले ही दिन हिंदी चैनल में बदल गयी है और भोजपुरी होते-होते बची है. क्योंकि अरनब अब यह भी नहीं कह सकते कि ये बातें शहाबुद्दीन के जेल में रहते ही रिकार्ड हुई है. अगर यह कहा जाये कि जब शहाबुद्दीन जमानत पर थे तब की है तो कैसे प्रूव करेंगे.
इसी तरह एक और खबर बिहार के कई पत्रकारों के पास है कि कैसे एक सनकी मंत्री ने एक कथित दंबग एसपी को घर बुलाकर थप्पड़ रसीद कर दिया. बड़े अखबार छाप नहीं सकते. छोटे अखबार या पोर्टल इसलिए नहीं छाप रहे कि इससे कुछ हासिल होने वाला नहीं है. और इसे स्टैब्लिश करना भी मुश्किल है.
इस पूरे मामले को रिपब्लिक अगर अब भी बचाना चाहता है तो पहले यह पता करे कि लालू जी को ऐसी कौन सी जमानत मिल गयी है कि चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं और कार्यकारिणी को भी संबोधित कर रहे हैं. यह कैसी सजा है कि दोषी सालों से बाहर है और जमानत में जज साहब ने जो शर्तें डाली थीं वे कितनी बार कहां-कहां टूटी. उससे कुछ नतीजा निकल सकता है, हो सकता है जमानत भी टूट जाये. बांकी राजद से नैतिकता की उम्मीद करना और उसे नैतिकता के कटघड़े में खड़ा करना बेवकूफी है.
देखें, अर्नब के चैनल पर जिस ऑडियो ने बवाल मचा रखा है.