चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार की कैबिनेट से हटाये गये कपिल मिश्रा ने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि शुक्रवार को मैंने अरविंद केजरीवाल जी के घर देखा कि सत्येंद्र जैन ने अरविंद केजरीवाल को दो करोड़ नकद रुपये दिये. मिश्रा के इस आरोप के बाद केजरीवाल पर विपक्ष के नेताओं का हमला तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित सांसद धर्मवीर गांधी ने आज मांग की कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कैबिनेट सहयोगी कपिल मिश्रा द्वारा उन पर दो करोड रुपये की रिश्वत लेने के आरोप लगाने के बाद उन्हें (मुख्यमंत्री को) नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
वहीं हाल के विधानसभा चुनावों में सत्ता से बाहर हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस्तीफे के साथ ही उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की भी मांग की है. पटियाला से सांसद धर्मवीर ने कहा, ‘केजरीवाल के पूर्व मंत्री द्वारा लगाया गया यह गंभीर आरोप है. उन्हें नैतिक आधार पर तुरंत पद छोड़ देना चाहिए.’
धर्मवीर गांधी को 2015 में कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद वह अपना पंजाब पार्टी (एपीपी) में शामिल हो गये थे. मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल के पूर्व मंत्री द्वारा लगाये गये आरोपों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई द्वारा जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल संत नहीं हैं. उन्हें पद छोड़ देना चाहिए और अपने खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होने देना चाहिए.’ इस मुद्दे पर एपीपी के सुप्रीमो सुच्चा सिंह छोटेपुर ने भ्रष्टाचार के आरोपों के परिप्रेक्ष्य में केजरीवाल से तुरंत इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (केजरीवाल) देश को काफी नुकसान पहुंचाया है.’ छोटेपुर ने कहा कि उन्होंने लोगों से धोखा किया है.
वहीं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की इस्तीफे और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की. शिअद के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, ‘केजरीवाल हमेशा कहते रहे हैं कि गलत करने वालों के खिलाफ वह कार्रवाई करेंगे…जब आप खुद ही कठघरे में हैं तो अब क्या करेंगे?’ उन्होंने कहा, ‘लोग उम्मीद करते हैं कि आप तुरंत इस्तीफा दें न कि कपिल मिश्रा को दोषी ठहराने का प्रयास करें.’
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धि में कहा कि उन्हें यह देखकर दुख हो रहा है कि ‘भ्रष्टाचार निरोधक अभियान में उनके साथी रहे’ अरविंद केजरीवाल पर धन लेने के आरोप लगे हैं.
हजारे ने संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली सरकार में जो चल रहा है वह मेरे लिए दुखद है. यह देखकर दुख हो रहा है कि भ्रष्टाचार निरोधक अभियान में मेरे पूर्व सहयोगी रहे केजरीवाल पर धन लेने के आरोप लग रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले 40 वर्षों से भ्रष्टाचार निरोधक अभियान का हिस्सा रहा हूं. केजरीवाल बाद में मेरे साथ आए और राज्य चुनावों में हमें सफलता मिली. वास्तव में दिल्ली चुनाव में जीत दिल्ली में गंभीर भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रचार के कारण हुई. लेकिन आज उन्हीं पर धन लेने के आरोप लग रहे हैं जो मेरे लिए काफी दुखदायक है.’
दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की और कहा कि पार्टी ने ‘भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे’ को खो दिया है. केजरीवाल के खिलाफ मिश्रा के आरोपों को ‘काफी गंभीर’ बताते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को आरोपों का संज्ञान लेना चाहिए.
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मिश्रा के आरोपों के परिप्रेक्ष्य में केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. उन्हें पद छोड़ देना चाहिए.’ इस बीच युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया और आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की. संगठन ने मांग की कि जांच चलने तक केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
भारतीय युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमरीश रंजन पांडेय ने एक बयान में कहा, ‘लगता है कि पूरी दिल्ली सर्कस बन गयी है. लोग मुख्यमंत्री द्वारा ठगे हुए महसूस कर रहे हैं. ये आरोप पूर्व मंत्री ने लगाये हैं इसलिए यह काफी गंभीर मुद्दा है.’