कश्मीर के खिलाफ नफरत पैदा करनेवाली चर्चाएं ना दिखाए मीडिया : महबूबा

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की मुुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय मीडिया से सोमवार को कहा कि वह सभी कश्मीरी युवाओं को पथराव करनेवालों की तरह चित्रित करने पर रोक लगाये और राज्य के लोगों के खिलाफ नफरत पैदा करनेवाली चर्चाओं को ना दिखाये. उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 के बाद से कश्मीर ने सबसे बुरे दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2017 2:57 PM

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की मुुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय मीडिया से सोमवार को कहा कि वह सभी कश्मीरी युवाओं को पथराव करनेवालों की तरह चित्रित करने पर रोक लगाये और राज्य के लोगों के खिलाफ नफरत पैदा करनेवाली चर्चाओं को ना दिखाये. उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 के बाद से कश्मीर ने सबसे बुरे दिन देखे हैं और उन्होंने तनावग्रस्त घाटी में शांति लौटने की उम्मीद जतायी. घाटी में पिछले करीब दो महीने से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं.

महबूबा ने यहां सिविल सचिवालय खोले जाने पर कहा, ‘‘हम सभी जम्मू कश्मीर में स्थिति को लेकर चिंतित हैं, लेकिन हमें यह जानना चाहिए कि यह पहली बार नहीं हुआ. वर्ष 1947 के बाद से कई बार जम्मू-कश्मीर को बुरे दौर से गुजरना पड़ा है. आज हम फिर दोराहे पर खड़े हैं.” जम्मू कश्मीर में सिविल सचिवालय का कामकाज गर्मियों में छह महीने यहां से और सर्दियों में छह महीने जम्मू से होता है.

इंदिरा-शेख समझौते का किया जिक :महबूबा ने 1950 से कश्मीर में शुरू हुए जनमत संग्रह आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि यह 22 वर्षों तक चलता रहा, लेकिन नेतृत्व समझता है कि यह मुद्दा हिंसा से नहीं सुलझाया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘‘इंदिरा-शेख समझौता हुआ, 1990 से फिर स्थिति गंभीर हो गयी. कई बार आतंकवाद बढ़ जाता है और कई बार यह घट जाता है.” उन्होंने स्थिति के फिर से सुधरने की उम्मीद जतायी.

घाटी के सभी युवक पथराव करनेवाले नहीं :मुख्यमंत्री ने कहा कि घाटी के सभी युवक पथराव करनेवाले नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से आग्रह करती हूं कि वह टेलीविजन पर ऐसी चर्चाएं ना दिखाये, जिससे देशभर में जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ नफरत पैदा होती है. कुछ लोग है, जो पथराव करते हैं, लेकिन कश्मीर के सभी युवा पथराव करनेवाले नहीं हैं.”

जम्मू-कश्मीर भारत का ताज :महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का ताज है और राज्य के लोगों का देश की हर इंच भूमि पर अधिकार है. उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर देश की आत्मा है. जब जम्मू-कश्मीर की बात आती है, तो देश की बात होती है. जम्मू-कश्मीर के लोगों का केवल अपने राज्य पर ही अधिकार नहीं है, बल्कि देश के हर हिस्से पर अधिकार है और उन्हें यह कहना चाहिए.”

प्रदर्शनकारी गुस्से में हैं और भ्रमित भी :घाटी में छात्रों के प्रदर्शन परमुख्यमंत्री महबूबा ने कहा कि वे गुस्से में है और वे भ्रमित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आज, हमारे बच्चे और हमारे युवा जिस भी रास्ते पर हैं, वे गुस्से में है और भ्रमित हैं. कुछ को उकसाया जा रहा है. मुझे लगता है कि इस स्थिति को हल करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए.” महबूबा ने कहा कि राज्य के युवा राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उनमें काफी क्षमता है कि वे देश में कहीं भी अपने आप को साबित कर सकते हैं. आज स्थिति गंभीर है, हम चिंतित हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसे सुलझाया नहीं जा सकता. मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा है.”

इससे पहले सिविल सचिवालय खोले जाने के मौके पर महबूबा को औपचारिक सलामी दी गयी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के दल ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

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