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कपिल मिश्रा आप से निलंबित, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

नयी दिल्ली : अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए निलंबन की चुनौती देनेवाले पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया. आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में यह फैसला लिया गया. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बैठक के दौरान मिश्रा के निलंबन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2017 9:48 PM

नयी दिल्ली : अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए निलंबन की चुनौती देनेवाले पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया. आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में यह फैसला लिया गया. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बैठक के दौरान मिश्रा के निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा कि केजरीवाल के खिलाफ मिश्रा के निराधार और अनर्गल आरोपों के कारण यह फैसला लिया गया.

मिश्रा ने केजरीवाल पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से अपने एक रिश्तेदार की जमीन का सौदा कराने के एवज में दो करोड़ रुपये नकद लेने का आरोप लगाया था. केजरीवाल ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सोमवार को ट्वीट किया, ‘जीत सत्य की होगी. मंगलवारसेशुरूहो रहे विधानसभा के विशेष सत्र से इसकी शुरुआत होगी.’ इससे पहले जैन ने मिश्रा के अरोपों को गलत बताते हुए कहा कि केजरीवाल और उनके बीच पैसों का कोई लेन-देन नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि मिश्रा झूठ बोल रहे हैं. जैन ने कहा कि ‘मिश्रा मानसिक संतुलन खो चुके हैं इसलिए ऐसे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. मैं रविवार से देख रहा हूं कि कपिलजी कितना झूठ बोल रहे हैं.’ जैन के एक करीबी आप नेता ने बताया कि मिश्रा के आरोपों के मद्देनजर जैन उनके खिलाफ जल्द ही मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करायेंगे.
इस बीच, मिश्रा ने टैंकर घोटाले की जांच में जानबूझ कर देर करने के अपने आरोपों के समर्थन में दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीबी) के समक्ष दस्तावेजी सबूत पेश किये. एसीबी के प्रमुख एमके मीणा ने सबूतों के आधार पर मिश्रा का बयान दर्ज कराने की बात कही है. मीणा ने कहा कि 400 करोड़ रुपये के टैंकर घोटाला मामले में एसीबी मिश्रा के विस्तृत बयान दर्ज करायेगी. मिश्रा ने केजरीवाल पर इस मामले की जांच में जानबूझ कर देरी कराने का आरोप लगाया है. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित आरोपी हैं.
मीणा ने कहा कि मिश्रा ने अपने बयान दर्ज कराने की इच्छा जाहिर की है. इसके लिए एसीबी की ओर से उन्हें समय दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में दीक्षित के बयान पहले ही दर्ज किये जा चुके हैं. अब मिश्रा के भी बयान दर्ज करने के बाद इस मामले की दिशा तय की जायेगी. मंत्री पद से हटाये गये कपिल मिश्रा ने सोमवार को आम आदमी पार्टी को उन्हें निष्कासित करने की चुनौती दी थी.

उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर नया हमला बोलते हुए कहा कि आप संयोजक के एक करीबी रिश्तेदार के लिए 50 करोड़ रुपये का सौदा कराया गया था. मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल के रिश्तेदार के नाम पर दस करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनवाये गये. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब चुनावों के दौरान पार्टी सदस्यों द्वारा शराब की आपूर्ति सहित टिकट वितरण में आप द्वारा बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया.

उन्होंने आरोप लगाया कि आप नेता संजय सिंह पार्टी के लिए विदेश से फंडिंग के लिए लाबिंग करने में शामिल हैं. मिश्रा ने रविवारको केजरीवाल को उनके कैबिनेट सहयोगी से दो करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया था. इस आरोप से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने इनकार किया है. इससे पहले मिश्रा ने कथित टैंकर घोटाला मामले के सबूत सोमवार को दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को सौंप दिये. उन्होंने कहा कि उन्होंने शिकायत दर्ज करने के लिए मंगलवार को सीबीआई से मिलने का समय मांगा है. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि वह कभी आप नहीं छोड़ेंगे और अपने जीवन में कभी भाजपा में शामिल नहीं होंगे.
उन्होंने दावा किया कि चूंकि उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाये हैं, उन्हें मुख्यमंत्री के करीबियों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सत्येंद्र जैन ने मुझे बताया था कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार बंसल परिवार के लिए छत्तरपुर में सात एकड़ जमीन का सौदा कराया. पीडब्ल्यू मंत्री होने के नाते, उन्होंने केजरीवाल के रिश्तेदार को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग में दस करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनवाये .’ मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देना चाहते.
उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल की कमजोरी उनकी कुर्सी है. वह अपनी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते. मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि जब जैन भ्रष्टाचार के मामले में जेल में जायेंगे, तो क्या केजरीवाल उस दिन इस्तीफा देंगे?’ भाजपा नेताओं के संपर्क में होने के आप के आरोपों को खारिज करते हुए मिश्रा ने पार्टी को इस बात को साबित करने की चुनौती दी और कहा कि आप नेताओं के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है उसे ‘भाजपा एजेंट’ कहा जाता है.

उन्होंने कहा कि वह आप में ऐसे एकमात्र व्यक्ति हैं जो भाजपा और मोदी सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध करते हैं. मिश्रा ने कहा, ‘आप की राजनीतिक मामलों की समिति में चार से पांच लोग हैं जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं. मुझे पता चला कि पीएसी शाम को मुझे पार्टी से बाहर कर देगी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पीएसी के फैसले को स्वीकार नहीं करूंगा जो बंद कमरे में फैसले करती है.

आप चार पांच लोगों की पार्टी नहीं है और यह जनता की पार्टी है और जनता फैसला करेगी कि आप में कौन रहेगा.’ मिश्रा ने बाद में ट्वीट किया, ‘सत्येंद्र जैन अरविंद केजरीवालजी को क्लीन चिट दे रहे हैं और अरविंद केजरीवालजी सत्येंद्र जैन को क्लीन चिट दे रहे हैं. वाह. ‘उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में एक ई-मेल आइडी ‘लेट्स क्लीनआप एटदिरेट जीमेल डाॅट काॅम’ जारी की जहां लोग आप के कथित भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकते हैं.
इससे पहले मिश्रा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में हुए इस घोटाले की जांच में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर देरी कर रहे हैं. एसीबी में मामले से जुड़े दस्तावेज जमा कराने के बाद मिश्रा ने कहा कि ‘मैंने अधिकारियों को बता दिया है कि किस तरह से केजरीवाल जानबूझकर इस मामले की जांच में देरी कर रहे हैं.’
मिश्रा का दावा है कि वह बतौर मंत्री एक साल पहले ही इस कथित घोटाले की विभागीय जांच करा कर इसकी रिपोर्ट केजरीवाल को सौंप चुके हैं. इसमें उन्होंने टैंकर घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा कर जांच कराने की सिफारिश की थी. मिश्रा ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल और उनके दो अन्य सहयोगियों द्वारा टैंकर घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने के दस्तावेजी सबूत भी एसीबी को दिये हैं. इन सबूतों से सरकार द्वारा दीक्षित को बचाने की बात साफ हो जाती है. उन्होंने कहा कि एसीबी इस मामले की विस्तृत जांच के लिये मुझे फिर से बुलायेगी

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