जानिए, भारत में सड़क हादसे से जुड़े चौंकाने वाले दस तथ्य

भारत में सड़क हादसा गंभीर चुनौती बनते जा रही है. हर चार मिनट में एक शख्स की जान सड़क हादसे में जाती है. विश्व स्वास्थ्य संग‌‌‌ठन ने अपने रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले तथ्य पेश किये है. देशभर में सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है ताकि इन दुर्घटनाओं के प्रति लोगोँको जागरूक किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2017 9:16 AM

भारत में सड़क हादसा गंभीर चुनौती बनते जा रही है. हर चार मिनट में एक शख्स की जान सड़क हादसे में जाती है. विश्व स्वास्थ्य संग‌‌‌ठन ने अपने रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले तथ्य पेश किये है. देशभर में सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है ताकि इन दुर्घटनाओं के प्रति लोगोँको जागरूक किया जा सके.

1. एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. यह आंकड़ा किसी भी महामारी और युद्ध से ज्यादा है.

2.सड़क दुर्घटना में मरने वालों में सबसे ज्यादा 15-29 वर्ग के युवा शामिल है.जारी आंकड़े के मुताबिक सबसे ज्यादा युवाओं में आकस्मिक मौत की सबसे बड़ी वजह सड़क दुर्घटना है. वहीं दूसरे नंबर पर आत्महत्या की वजह से युवाओं की जान जाती है.

3.कम और मध्यम आय वाले देश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. इन देशों में सड़क हादसों की संख्या विकसित देशों की तुलना में दोगुनी है. ज्ञात हो कि सड़क दुर्घटना से गरीब देशों के जीडीपी का पांच प्रतिशत नुकसान होता है.

4.68 देशों में सड़क दुर्घटओं में वृद्धि हुई है वहीं 79 देशों में स़ड़क दुर्घटनाओं की प्रवृति में कमी देखी गयी है.

5.विकसित देशों में गाड़ियों में इलेक्ट्रानिक स्टेबलिटी कंट्रोल के इस्तेमाल को जरुरी बनाया गया है. वहीं निम्न आय वर्ग के देश में कंपनिया समान मॉडल की गाड़ियों में इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं करती, इसके पीछे वहां का कमजोर कानून है.

6.विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में सड़क दुर्घटना को लेकर कुछ निर्देश दिये गये है. इन निर्देशों में सड़क दुर्घटना से जुड़े कानून को मजबूत करना, स्पीड मैनेजमेंट, सड़क निर्माण में सुरक्षा कारक का ध्यान रखना जैसे उपायों को शामिल करने पर जोर दिया गया है.

7.16 बच्चे हर रोज सड़क दुर्घटना में हर रोज मारे जाते हैं.

8. सड़क दुर्घटना में 25 प्रतिशत लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो गये है.

9.सड़क दुर्घटना के पीछे शराब का सेवन कर गाड़ी चलाना, अप्रशिक्षित ड्राइवर ,सड़कों के गुणवत्ता में खराबी और वाहनों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि जिम्मेवारहै.

10. भारत में शहरों के ट्रांसपोर्ट प्लानिंग औ्र डिजायनिंग की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है. इस ओर निवेश में भी कोई विशेष रुचि नहीं ली गयी है. आमतौैर पर ज्यादा ध्यान सड़क निर्माण पर ही दिया जाता है.

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