नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने देश छोड़कर भाग गये शराब कारोबारी विजय माल्या को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया है. माल्या ने अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को चार करोड़ डॉलर की राशि स्थानांतरित की थी. न्यायमूर्ति एके गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी संख्या तीन (माल्या) को दो आधारों पर अदालत की अवमानना का दोषी पाया है. ब्रिटेन मे रह रहे विजय माल्या को शीर्ष अदालत ने मामले में सजा तय करने संबंधी बहस के लिए 10 जुलाई से पहले अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.
Supreme Court finds Vijay Mallya guilty of contempt of court, summons him on July 10. pic.twitter.com/Og3ZqMikgV
— ANI (@ANI) May 9, 2017
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यह आदेश एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के समूह की याचिका पर आया है. याचिका में कहा गया था कि माल्या ने ब्रिटेन की कंपनी डियागो से प्राप्त चार करोड़ डॉलर की राशि विभिन्न न्यायिक आदेशों का गंभीर उल्लंघन करते हुए कथित तौर पर अपने बच्चों को भेजी थी. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी याचिका में बैंकों ने कहा है कि माल्या ने शीर्ष अदालत के आदेश को हल्के में लिया है और उन पर कोर्ट के आदेशों की जानबूझकर अवमानना करने के खिलाफ मुकदमा चलाया जाये. कंर्सोटियम की इस मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यदि माल्या को भारत में सफलतापूर्वक प्रत्यर्पण कर लिया जाता है, तो उन्हें छह महीने तक जेल की सजा भी भु्गतनी होगी.