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कुलभूषण जाधव को फांसी दी, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ जायेगा पाकिस्तान

नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने भारतीय नौसेना के भूतपूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव और भारत को बड़ी राहत दी है. नीदरलैंड्स के हेग स्थित इस अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने देर रात ट्वीट कर यह जानकारी दी. सुषमा के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय अदालत ने […]

नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने भारतीय नौसेना के भूतपूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव और भारत को बड़ी राहत दी है. नीदरलैंड्स के हेग स्थित इस अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने देर रात ट्वीट कर यह जानकारी दी.

सुषमा के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय अदालत ने रूल ऑफ कोर्ट के पैरा-4 के अनुच्छेद 74 के तहत यह फैसला सुनाया है. उन्होंने बताया कि उन्होंने जाधव की मां को इस फैसले की जानकारी दी है.

कुलभूषण जाधव प्रकरण: अब भारत के सामने तीन विकल्प

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने 10 अप्रैल, 2017 को जाधव को जासूस बताते हुए मौत की सजा सुनायी थी. इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस ने पाकिस्तान सरकार से इस आदेश पर अमल की रिपोर्ट भी मांगी है.

विशेषज्ञ बताते हैं कि इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश को मानने के लिए पाकिस्तान बाध्य नहीं है, लेकिन यदि उसने कोर्ट का फैसला नहीं माना, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान अलग-थलग पड़ जायेगा. भविष्य में यदि वह कोई भी मामला इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस में ले जायेगा, तो उसकी शिकायत पर सुनवाई नहीं होगी.

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बहरहाल, अंतरराष्ट्री कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान की ओर से अब तक कोई प्रतिकि्रया नहीं आयी है. वहीं भारत को अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में इसे भारत की बहुत बड़ी जीत बताया है. हालांकि, रोहतगी जाधव की सही-सलामती के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके.

उधर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मुंबई में कुलभूषण की मां को फोन पर यह जानकारी दी कि उनके बेटे की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने रोक लगा दी है.

कुलभूषण जाधव का पाकिस्तान ने ईरान से किया है अपहरण : पर्रिकर

ज्ञात हो कि भारत की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने 8 मई को इंटरनेशनल कोर्ट में याचिका दायर की. उन्होंने मांग की कि भारत के पक्ष की मेरिट जांचने से पहले जाधव की फांसी पर रोक लगायें.

अंतरराष्ट्रीय अदालत की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था. भारत की ओर से दायर अपील में यह भी बताया गया था कि कुलभूषण जाधव को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया, न ही उन्हें भारत के उच्चायोग के अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी गयी.

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बताया जाता है कि इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस के अध्यक्ष राॅनी अब्राहम ने पाकिस्तान सरकार को एक पत्र लिख कर कहा है कि वह इस तरह कार्रवाई करे, जिससे इस मामले में जारी होनेवाले अदालत के किसी आदेश का क्रियान्वयन संभव हो सके. अपनी अपील में भारत ने पाकिस्तान पर राजनयिक संबंधों पर वियना सम्मेलन के भीषण उल्लंघन का आरोप लगाया है. इस बात पर जोर दिया है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था.

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जाधव भारतीय नौसेना से रिटायर होने के बाद ईरान में बिजनेस के सिलसिले में गये हुए थे. हालांकि, पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया.

पाकिस्तान ने जाधव को बताया था राॅ का एजेंट

मार्च, 2016 में पाकिस्तान आर्मी ने जाधव के कथित कबूलनामे का वीडियो जारी किया. कहा, ‘कुलभूषण जाधव ने कबूल किया है कि वह रॉ के लिए बलूचिस्तान में काम कर रहा था और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा. पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव इंडियन नेवी का सर्विंगअाॅफिसर है. वह वर्ष 2022 में रिटायर होनेवाला है. उसे सीधे रॉ चीफ हैंडल करते हैं. वह एनएसए के संपर्क में भी है. आपका मंकी (जासूस) हमारे पास है. उसने वो कोड भी बताया है, जिससे वह रॉ से संपर्क करता था. पाकिस्तान ने एक पासपोर्ट (संख्या L9630722) जारी किया. कहा कि यह बलूचिस्तान में गिरफ्तार भारतीय शख्स का ही है. पासपोर्ट में उसका नाम हुसैन मुबारक पटेल लिखा है. जन्मस्थान महाराष्ट्र का सांगली बताया गया है. पाकिस्तान का दावा है कि जाधव के पास ईरान का वैध वीजा भी है.

जाधव के कबूलनामा, जैसा पाकिस्तान ने बताया

  • जाधव दिसंबर, 2001 तक इंडियन नेवी में रहे. पार्लियामेंट अटैक के बाद डोमेस्टिक इंटेलिजेंस का काम किया. वर्ष 2003 में इंडियन इंटेलिजेंस सर्विस से जुड़े.
  • ईरान से बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे.
  • वर्ष 2013 में रॉ में आये. ईरान के चाबहार इलाके में 10 साल पहले रॉ का बेस बनाया. कराची और बलूचिस्तान का दौरा किया.

कुलभूषण जाधव पर लगे सात आरोप

  1. बलूचिस्तान के ग्वादर तथा तुरबत में आइइडी और ग्रेनेड हमलों को प्रायोजित किया और जरूरी दिशा-निर्देश दिये.
  2. ग्वादर जिले में जिवानी बंदरगाह के ठीक सामने समुद्र में रडार स्टेशन तथा नागरिक नौकाओं पर हमले का निर्देश दिया.
  3. पाकिस्तानी, खासकर बलूचिस्तान के युवाओं को देश में विध्वंसक हमलों के लिए उकसाया. अलगाववादी तथा आतंकवादी तत्वों को हवाला/हुंडी के माध्यम से वित्तीय मदद दी.
  4. बलूचिस्तान के सिबी तथा सुई इलाकों में गैस पाइपलाइनों तथा बिजली के खंभों में विस्फोट को प्रायोजित किया.
  5. क्वेटा में वर्ष 2015 में विस्फोट को प्रायोजित कर बड़े पैमाने पर जान व माल को नुकसान पहुंचाया.
  6. क्वेटा में हजार समुदाय के लोगों पर हमला तथा ईरान जा रहे और वहां से आ रहे शिया जायरीनों पर हमलों को प्रायोजित किया.
  7. तुरबत, पुंजगुर, ग्वादर, पसनी तथा जिवनी में वर्ष 2014-15 के दौरान सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए देश विरोधी तत्वों को उकसाया.

भारत ने पाकिस्तान के तमाम आरोपों को किया था खारिज

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के तमाम आरोपों को खारिज कर दिया था. कहा था, ‘वीडियो में यह शख्स (जाधव) जो बातें कह रहा है, उनमें कोई सच्चाई नहीं है. उसने जो भी कहा है, प्रेशर में कहा है.’ हालांकि, भारत सरकार ने माना कि जाधव भारतीय नागरिक है और नेवी में अफसर रह चुका है. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि जाधव कानूनी तौर पर ईरान में बिजनेस करता था. उसे कस्टडी में यातना दी गयी है. पाकिस्तान में उसकी मौजूदगी सवाल खड़े करती है. इससे शक पैदा होता है कि कहीं उसे ईरान से किडनैप तो नहीं किया गया?

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अजीज ने माना था : जाधव के खिलाफ नहीं हैं पर्याप्त साक्ष्य

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश सलाहकार सरताज अजीज ने कथित तौर पर सात दिसंबर को पाकिस्तान की सीनेट को बताया था कि जाधव पर ‘डोजियर’ महज ‘बयान’हैं और इसमें कोई भी ‘निर्णायक साक्ष्य’नहीं हैं. उन्होंने कहा था कि सामग्री ‘अपर्याप्त’हैं और ‘अब यह संबद्ध अधिकारियों पर निर्भर करता है कि एजेंट के बारे में और जानकारी वह हमें कितने समय में देंगे.’

संक्षिप्त घटनाक्रम

  • पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर जाधव की गिरफ्तारी 29 मार्च 2016 को दिखायी थी.
  • भारतीय उच्चायोग ने दर्जनों बार जाधव से मिलने की इजाजत मांगी, लेकिन पाकिस्तान ने सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों को दरकिनार करते हुए इसकी इजाजत नहीं दी.
  • 11 अप्रैल, 2017 को अचानक खबर आयी कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’ में दोषी पाये जाने के बाद जाधव को फांसी की सजा सुना दी है.
  • भारत ने इस मसले में कड़ा रुख अपनाया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा, ‘जाधव को छुड़वाने के लिए भारत किसी भी हद तक जायेगा.’
  • भारत ने कहा कि पाकिस्तान यदि जाधव की मौत की सजा की तामील करता है, तो यह सुनियोजित हत्या होगी.
  • गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जाधव को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार किसी भी हद तक जाने को तैयार है.
  • विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर उन्हें ‘डिमार्शे’ दिया, जिसमें कहा गया है कि जिस कार्यवाही के आधार पर जाधव को यह सजा दी गयी है, वह ‘हास्यास्पद’ है और उनके खिलाफ कोई ‘विश्वसनीय साक्ष्य’नहीं हैं.

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