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कश्मीर घाटी में आर्मी अफसर की आतंकियों ने की हत्या: पहली बार छुट्टी ली थी, जो साबित हुई आखिरी

जम्मू: दो भारतीय जवानों के शव के साथ बर्बरता का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आतंकियों ने आर्मी के एक अफसर का अपहरण का उसकी जान ले ली. जम्मू-कश्मीर के 2, राजपूताना रायफल्स में तैनात सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज का गोलियों से छलनी शव बुधवार की सुबह मिला. पुलिस ने सर्च […]

जम्मू: दो भारतीय जवानों के शव के साथ बर्बरता का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आतंकियों ने आर्मी के एक अफसर का अपहरण का उसकी जान ले ली. जम्मू-कश्मीर के 2, राजपूताना रायफल्स में तैनात सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज का गोलियों से छलनी शव बुधवार की सुबह मिला. पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. घटना के बाद लोगों में गुस्सा है. वहीं, सेना ने बहादुर जवान को सलाम करते हुए कहा कि चुन-चुन कर अपने साथी की शहादत का बदला लेंगे. दिसंबर में सेना (डॉक्टर के रूप में)में शामिल होने के बाद लेफ्टिनेंट उमर फयाज ने पहली बार छुट्टी ली थी.

मंगलवार की रात फैयाज दक्षिण कश्मीर के शोपियां में अपने मामा की लड़की की शादी समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे. इसी दौरान नकाब पहने नौ नकाबपोश समारोह वाले घर में घुसे. सिविल ड्रेस में मौजूद फयाज को अपने साथ चलने को कहा. परिजनों को पुलिस को सूचना नहीं देने की चेतावनी दी. बुधवार की सुबह गोलियों से छलनी उनका शव हरमैन इलाके में उनके घर से करीब तीन किलोमीटर दूर मिला. शव के परीक्षण में उनके शरीर पर निशान मिले हैं, जिससे संकेत मिलता है कि उन्होंने संदिग्ध आतंकियों का विरोध किया था, जिन्होंने उनका अपहरण किया.

कुलगाम जिले के निवासी फयाज जम्मू के अखनूर इलाके में तैनात थे. अभी तक हत्या की वजह का पता नहीं चल पाया है. सूत्रों के मुताबिक घाटी में आतंकी युवाओं को पुलिस और सेना की नौकरी छोड़ने की धमकी दे रहे हैं. आशंका है कि कहीं इसी वजह से लेफ्टिनेंट की हत्या तो नहीं की गयी.

शहीद को पूरे सैनिक सम्मान के सुपुर्द-ए-खाक किया गया और इसमें उसके गांव के कुछ लोग भी शामिल हुए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घाटी में बुधवार उस वक्त शर्मनाक नजारा पैदा हो गया जब शहीद की अंतिम यात्रा पर भी पत्थर फेंके गये. जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी युवा सैन्य अधिकारी की हत्या की निंदा की है.

पहली बार छुट्टी ली थी, जो साबित हुई आखिरी

लेफ्टिनेंट उमर फैयाज (23) ने छह महीने की ड्यूटी में पहली बार मामा की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी मांगी थी, जो उनकी आखिरी छुट्टी साबित.

छह महीने पहले सेना में मिला था कमीशन

फयाज ने नवोदय विद्यालय में शिक्षा हासिल की थी. पुणे के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से शिक्षा हासिल करने के बाद फयाज को 10 दिसंबर, 2016 को सेना में कमीशन मिला था. उन्हें 25 मई को अखनूर क्षेत्र में मौजूद अपने यूनिट में वापस जाना था. वह एनडीए में हॉकी टीम के कैप्टन थे.

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