बेंगलूर: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज घोषणा की कि वह वाराणसी से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी का सामना करने को तैयार हैं लेकिन साथ ही शर्त लगाई कि वह ऐसा तभी करेंगे जब लोग चाहेंगे.
यहां एक रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि वह मोदी के खिलाफ चुनाव लडें और वह गुजरात के मुख्यमंत्री की चुनौती को स्वीकार करते हैं कि जिन्हें पराजित किया जाना चाहिए.बहरहाल केजरीवाल ने कहा कि वह 23 मार्च को वाराणसी में रैली करेंगे और लोगों की प्रतिक्रिया देखेंगे और संकेत दिया कि इसके बाद ही वह अंतिम निर्णय करेंगे.उन्होंने कहा, ‘‘मैं 23 मार्च को वाराणसी जाउंगा. हम वाराणसी में रैली करेंगे. वाराणसी के लोग जो कहेंगे वही अंतिम होगा. अगर वाराणसी के लोग मुझे यह जिम्मेदारी देने का निर्णय करते हैं तो मैं तहेदिल से इसे स्वीकार करुंगा.’’
कल बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की. इसके बाद आप नेता संजय सिंह ने बताया कि केजरीवाल वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे. इस बात का ऐलान पार्टी मीटिंग के बाद किया जाएगा.
केजरीवाल के गुजरात दौरे के बाद से ही मोदी उनके निशाने पर हैं. उन्होंने मोदी के गुजरात विकास का मॉडल पूरी तरह से नकार दिया है. अरविंद केजरीवाल पहले ही साफ कर चुके थे अगर नरेंद्र मोदी गुजरात से बाहर किसी सीट से चुनाव लड़ते हैं तो वह उनके खिलाफ लड़ेंगे. ऐसे में उनका वाराणसी से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था. अब आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की है.
उम्मीदवारों के चयन में संतुलन बनाना चाहती है आप
आम आदमी पार्टी ने सामाजिक कार्यकर्ताओं, पूर्व सैन्यकर्मियों और सेवानिवृत्त नौकरशाहों समेत मीडिया, उद्योग जगत, फिल्म जगत जैसे अलग अलग क्षेत्रों के लोगों को टिकट देकर संतुलन बनाने की कोशिश की है. आप ने अपने पहले लोकसभा चुनावों के लिए अब तक आरबीएस इंडिया की पूर्व सीईओ और प्रमुख मीरा सन्याल, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, अभिनेत्री गुल पनाग, शिक्षाविद् राजमोहन गांधी और पत्रकार आशुतोष समेत 242 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है.
आप के एक नेता ने कहा, ‘‘दिल्ली विधानसभा चुनावों में सफलता के बाद पार्टी को देश भर में लोगों से शानदार प्रतिक्रिया मिली जो पार्टी के सदस्य बनना चाहते हैं. इसके साथ ही पार्टी को उसके टिकट पर चुनाव लडने के इच्छुक लोगों की लंबी सूची मिली.’’ आप नेता अरविन्द केजरीवाल ने जहां मीडिया पर हमला करने में कसर नहीं छोडी वहीं विडंबना यह है कि उनकी पार्टी ने कई पत्रकारों को सीटें दीं. इनमें मुकुल त्रिपाठी, आशीष खेतान, जरनैल सिंह और अनिता प्रताप जैसे पत्रकार शामिल हैं. जरनैल सिंह पी चिदंबरम पर जूता फेंककर चर्चा में आए थे.
आशुतोष यहां के चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड रहे हैं. दिल्ली की पूर्व आप सरकार द्वारा खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर रोक लगाने के फैसले के बावजूद पार्टी ने उद्योग जगत से भी कई लोगों को उम्मीदवार बनाया है. इनमें मीरा सन्याल, इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी के बालकृष्णन जैसे नाम शामिल हैं. मीरा दक्षिण मुंबई सीट से केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवडा के खिलाफ चुनाव लड रही हैं वहीं बालकृष्णन बेंगलूर मध्य से चुनाव में खडे हैं.
पार्टी ने साथ ही सालों से अलग अलग मुद्दों पर कई राज्य सरकारों के खिलाफ लडते रहे कार्यकर्ताओं पर भी भरोसा दिखाया है. नर्मदा बचाओ आंदोलन :एनबीए: की मुखिया मेधा पाटकर मुंबई उत्तर-पूर्व से जबकि एनबीए के एक दूसरे कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल खंडवा से चुनाव लड रहे हैं. इसी तरह आदिवासी कार्यकर्ता सोनी सोरी छत्तीसगढ के बस्तर से जबकि पॉस्को विरोधी कार्यकर्ता लिंगराज ओडिशा के बारगढ से चुनाव लड रहे हैं.
शिक्षा, साहित्य और विज्ञान जगत के विशेषज्ञ भी आप के उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं. महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी पूर्व दिल्ली सीट से जबकि मलयाली लेखिका सारा जोसेफ केरल की त्रिचूर सीट से चुनाव लड रही हैं. पार्टी ने सेवारत एवं पूर्व नौकरशाहों को भी चुनावी मैदान में उतारा है. पूर्व आईपीएस अधिकारी कंचन चौधरी उत्तराखंड के हरिद्वार से चुनाव लड रही हैं. वह किसी भी राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक हैं. महाराष्ट्र के बारामती से पूर्व आईपीएस अधिकारी सुरेश खोपडे राकांपा प्रमुख शरद यादव की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं.