नयी दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा 30,000 करोड रुपये की भारी भरकम राशि खर्च किए जाने की संभावना है. यह भारतीय इतिहास में सर्वाधिक खर्चीली चुनावी प्रक्रिया होगी.सोलहवीं लोकसभा के लिए होने वाला अनुमानित खर्च 2012 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव से संबंधित खर्च से प्रतिद्वंद्विता करता नजर आता है. अमेरिकी चुनाव में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों ने सात अरब अमेरिकी डॉलर :करीब 42,000 करोड रुपये: खर्च किए थे.
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज द्वारा चुनाव अभियान खर्च पर कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक ‘‘करोडपति’’ उम्मीदवारों, कॉरपोरेट्स और कांट्रैक्टरों द्वारा लगाए जा रहे ‘‘बेहिसाबी’’ पैसे ने चुनाव खर्च में काफी इजाफा किया है.16वीं लोकसभा के लिए अनुमानित खर्च 30 हजार करोड रुपये में से सरकारी खजाने को चुनाव प्रक्रिया पर 7 हजार से 8 हजार करोड रुपये तक का खर्च वहन करना होगा.
चुनाव आयोग द्वारा जहां करीब 3,500 करोड रुपये खर्च किए जाने की संभावना है, वहीं भारतीय रेलवे, कई अन्य सरकारी एजेंसियां और राज्य सरकारें भी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए इतनी ही राशि खर्च करेंगी. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन अंतिम आंकडे चुनाव प्रक्रिया के बाद उभरकर आएंगे.’’