किसने हवा चलायी? मैंने कहा? मैं कांग्रेस में एक्टिव हूं, शंकर सिंह वाघेला ने भाजपा में जाने की खबरों का किया खंडन
अहमदाबाद: गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के भाजपा में लौटने के कयास तेज हो गये हैं. खबर है कि उन्होंने ट्विटर पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताअों को अनफाॅलो कर दिया है. हालांकि, वाघेला ने इससे इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘किसने हवा चलायी? मैंने कहा? अमित शाह सामने से […]
अहमदाबाद: गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के भाजपा में लौटने के कयास तेज हो गये हैं. खबर है कि उन्होंने ट्विटर पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताअों को अनफाॅलो कर दिया है. हालांकि, वाघेला ने इससे इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘किसने हवा चलायी? मैंने कहा? अमित शाह सामने से मिलने आये थे, मैं कांग्रेस में एक्टिव हूं.
Kisne hawa chalaayi?Maine kaha?Amit Shah saamne milne aaye the, mai Congress mein active hoon:Shankarsinh Vaghela on reports of joining BJP pic.twitter.com/63Re9D5ytl
— ANI (@ANI) May 15, 2017
इससे पहले कयासों का बाजार गर्म था. पिछले दिनों वाघेला की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से हुई मुलाकात को उनके अपनी पुरानी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में लौटने के संकेत के रूप में देखा जा रहा था. बताया जा रहा था कि वह पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं, लेकिन उनकी नाराजगी की वजह का पता नहीं चल पाया है.
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इससे पहले रविवार को कहा कि वाघेला ने कहा था कि वह इस साल होनेवाले राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि विधानसभा चुनावों के लिए उनकी पसंद की सीट कौन-सी होगी, जहां से वह लड़ना चाहेंगे, तो 77 वर्षीय भूतपूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी चुनाव लड़े हैं. अब यह उनके लिए महत्व नहीं रखता.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पिछले महीने ही पार्टी के 57 में 36 विधायकों ने मांग की थी कि अगर कांग्रेस विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है, तो वाघेला को पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाये.
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हालांकि, गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत ने चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के नाम के साथ चुनाव में जाने से इनकार किया था. वाघेला ने भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में खुद के शामिल होने से इनकार किया था. प्रदेश कांग्रेस के आइटी सेल की कॉन्फ्रेंस के दौरान वाघेला के इस कदम के कई मायने निकाले जा रहे थे.