…तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़नी होगी कुरसी! आप भी जानिए, अमरकंटक यात्रा से जुड़े मिथक को
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक मंचों से अब तक यह घोषणा करते रहे हैं कि वर्ष 2024 तक प्रधानमंत्री पद की वेकेंसी नहीं है. यदि कोई प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा है, तो उसे 2024 के चुनावों की तैयारी करनी चाहिए. लेकिन, इतिहास बताता है कि जिस शख्स ने हेलीकाॅप्टर से एक जगह […]
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक मंचों से अब तक यह घोषणा करते रहे हैं कि वर्ष 2024 तक प्रधानमंत्री पद की वेकेंसी नहीं है. यदि कोई प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा है, तो उसे 2024 के चुनावों की तैयारी करनी चाहिए.
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PM @narendramodi & CM @ChouhanShivraj at Amarkantak #NarmadaSevaYatra #NarmadaSevaMission pic.twitter.com/tz3AOWkE0z
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) May 15, 2017
लेकिन, इतिहास बताता है कि जिस शख्स ने हेलीकाॅप्टर से एक जगह की यात्रा की, उसकी सत्ता चली गयी. उस जगह का नाम है अमरकंटक. मध्यप्रदेश में स्थित इस जगह पर जानेवाले हर राजनेता को अपना पद गंवाना पड़ा.
अमरकंटक में पीएम श्री @narendramodi ने दिव्य कलश और सीएम श्री @ChouhanShivraj ने ध्वज स्थापित किया। #NarmadaSevaYatra #NarmadaSevaMission pic.twitter.com/DISCBGzYWX
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) May 15, 2017
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा जाता है कि जिस राजनेता ने नर्मदा नदी को लांघा, उसे अपनी सत्ता गंवानी पड़ी. भारतीय राजनीति के इतिहास पर नजर डालें, तो सत्ता गंवानेवालों में तात्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के अलावा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा, उमा भारती, सुंदरलाल पटवा, श्यामाचरण शुक्ल, केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत ने नर्मदा नदी को लांघा था और इन सभी को अपनी कुरसी गंवानी पड़ी. 1982 में नर्मदा को लांघनेवालीं इंदिरा गांधी की तो 1984 में हत्या कर दी गयी.
During #NarmadaSevaYatra we saw the coming together of several Narmada Sevaks who have pledged to work for the Narmada: CM @ChouhanShivraj
— PMO India (@PMOIndia) May 15, 2017
वहीं अमरकंटक के बारे में मिथक है कि नर्मदा के उद्गम स्थल के आठ किमी के दायरे में जो भी हेलिकॉप्टर से आया, उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा. चर्चा है कि इसी मिथक के चलते पीएम मोदी के लिए डिंडोरी जिले में अमरकंटक से आठ किमी की दूरी पर हेलीपैड बनाया गया था.
5 बड़े राजनेता, जिन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा
- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वर्ष 1982 में हेलीकॉप्टर से अमरकंटक गयी थीं. 1984 में उनकी हत्या हो गयी.
- भूतपूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत राष्ट्रपति चुनाव से पहले हेलीकाॅप्टर से अमरकंटक गये, वह राष्ट्रपति चुनाव में हार गये.
- मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा बाबरी मसजिद ध्वंस से पहले हेलीकॉप्टर से अमरकंटक गये थे, लेकिन उसके बाद उन्हें भी सत्ता से हाथ धोना पड़ा.
- मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए हेलीकॉप्टर से अमरकंटक गये. उसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ी. बाद में उन्होंने अलग पार्टी बनायी.
- मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मुख्यमंत्री रहते वर्ष 2004 में हेलीकॉप्टर से अमरकंटक गयीं. कुछ ही दिनों बाद उन्हें सीएम की कुरसी छोड़नी पड़ी. इसके बाद उमा भारती हमेशा सड़क मार्ग से ही अमरकंटक जाती हैं.