मोदी संबंधी विकीलीक्स की टिप्पणी पर बवाल

नयी दिल्ली: विकीलीक्स संस्थापक जुलियान असांजे द्वारा नरेन्द्र मोदी को ‘‘भ्रष्ट नहीं’’ बताए जाने के दावे संबंधी टिप्पणी को लेकर राजनीतिक हलकों में एक नया बवाल मच गया है. विकीलीक्स ने इस दावे को खारिज किया है कि उसके संस्थापक असांजे ने मोदी के बारे में कहा था कि वह ‘‘भ्रष्ट नहीं हैं’’ और साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2014 5:43 PM

नयी दिल्ली: विकीलीक्स संस्थापक जुलियान असांजे द्वारा नरेन्द्र मोदी को ‘‘भ्रष्ट नहीं’’ बताए जाने के दावे संबंधी टिप्पणी को लेकर राजनीतिक हलकों में एक नया बवाल मच गया है. विकीलीक्स ने इस दावे को खारिज किया है कि उसके संस्थापक असांजे ने मोदी के बारे में कहा था कि वह ‘‘भ्रष्ट नहीं हैं’’ और साथ ही आठ साल पुराने एक गोपनीय केबल का खुलासा किया है जिसमें मोदी को एक ‘‘संदेही व्यक्ति’’ बताया गया है जो ‘‘डर के साथ और डरा धमका कर ’’ शासन चलाता है. विकीलीक्स ने इसके साथ ही महाराष्ट्र की एक भाजपा नेता पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री पद के पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में उन्होंने यह ‘‘झूठा’’ दावा किया है.

व्हिस्ल ब्लोअर वेबसाइट ने ट्विट करके इस बात से इनकार किया है कि उसने मोदी को ऐसा नेता बताया था जिसे ‘‘भ्रष्ट नहीं किया जा सकता.’’ इसके साथ ही विकीलीक्स ने मोदी के संबंध में अमेरिकी दूतावास के वर्ष 2006 के गोपनीय केबल में की गयी कई टिप्पणियों का भी ब्यौरा दिया है जिनमें मोदी की नेतृत्व शैली के बारे में टिप्पणियां की गयी थीं. ये टिप्पणियां मुंबई स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूत माइकल एस ओवेन ने राज्य के दौरे के बाद वर्ष 2006 में की थीं. मोदी के संबंध में जो टिप्पणियां असांजे के हवाले से होने का दावा किया गया है वे दरअसल गुजरात के कांग्रेस नेता मनोहर सिंह जडेजा ने यात्र पर आए एक अमेरिकी दूतावास अधिकारी के समक्ष की थीं. जडेजा ने अमेरिकी दूतावास अधिकारी को बताया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री ‘‘बेहद लोकप्रिय’’ हैं क्योंकि उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रुप में देखा जाता है जिन्हें किसी भी सूरत में भ्रष्ट नहीं किया जा सकता और वह अच्छा काम करते हैं.

वेबसाइट ने कहा, ‘‘ विकीलीक्स के किसी दस्तावेज में नहीं कहा गया है कि मोदी को भ्रष्ट नहीं किया जा सकता बल्कि यह कहा गया है कि वह इसलिए लोकप्रिय हैं क्योंकि उन्हें ‘‘ऐसे व्यक्ति के रुप में देखा जाता है जिसे भ्रष्ट नहीं किया जा सकता’’.एक अन्य ट्विट में विकीलीक्स ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह ‘‘फर्जी असांजे मोदी टिप्पणी’’ का इस्तेमाल चंदा उगाहने के लिए कर रही है.वेबसाइट कहती है, ‘‘ नरेन्द्र मोदी को भ्रष्ट नहीं बनाया जा सकता है यह बात राजकोट से कांग्रेस पार्टी के नेता मनोहर सिंह जडेजा ने कही थी.’’ वेबसाइट ने महाराष्ट्र भाजपा कम्युनिकेशन सेल की सह संयोजक प्रीति गांधी की पहचान की है जिन्होंने इस ‘‘झूठे दावे’’ को फैलाया जिसे मोदी के आनलाइन समर्थकों ने प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार की साख की उच्च स्तरीय पुष्टि के रुप में प्रचारित किया.

वेबसाइट का स्पष्टीकरण कुछ भाजपा समर्थकों द्वारा अहमदाबाद में अंसाजे का हवाला देते हुए किए जा रहे पोस्टरों के वितरण की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें कहा गया है कि ‘‘अमेरिका मोदी से डरता है क्योंकि उन्हें भ्रष्ट नहीं बनाया जा सकता.’’ हालांकि विकीलीक्स के ट्विट को कमतर करने का प्रयास करते हुए भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘‘ हमें मोदी जी के बारे में विकीलीक्स या असांजे से प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं है. ’’ विकीलीक्स ने इससे भी आगे जाकर अमेरिकी दूतावास द्वारा वर्ष 2006 में भेजे गए गोपनीय केबल का ब्यौरा दिया है जिसमें मोदी की कार्यशैली की आलोचना की गयी है.केबल कहता है, ‘‘ इस बारे में राय बंटी हुई है कि अगर मोदी राष्ट्रीय राजनीति में आते हैं तो क्या मोदी के नेतृत्व की शैली उनकी मदद करेगी या नुकसान करेगी. जनता में मोदी आकर्षक और पसंदीदा हो सकते हैं.’’

‘‘मोदी के नेतृत्व की शैली’’ उपशीर्षक के तहत ऐसे ही एक राजनयिक केबल में कहा गया है, ‘‘कुल मिलाकर वह संकीर्ण और संदेही व्यक्ति हैं वह समग्रता और सर्वसम्मति के बजाय डर के साथ और डरा धमका कर शासन चलाते हैं वह रुखे, दूसरों को नीचा दिखाने वाले और कई बार तो पार्टी के उच्च स्तर के नेताओं तक के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति हैं. वह सत्ता को जकड कर रखते हैं.’’ अमेरिकी दूतावास ने हालांकि इसके साथ ही कहा है कि उसके सभी वार्ताकारों ने स्वीकार किया है कि मोदी एक विनम्र इंसान हैं जिन्होंने ‘‘भारत में कई अन्य निर्वाचित नेताओं के विपरीत अपने पद का इस्तेमाल खुद को या अपने परिवार को समृद्ध करने में नहीं किया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर लोगों का यह भी कहना है कि उन्होंने राज्य प्रशासन में नौकरशाही के मध्यम और निचले स्तर के छुटपुट भ्रष्टाचार को साफ कर दिया है. लेकिन कई लोगों ने हमें बताया कि बडे स्तर पर भ्रष्टाचार अभी भी आम बात है.’’ इस विवाद की जडें वर्ष 2006 तक पुरानी हैं. विकीलीक्स के अनुसार उस समय मुंबई स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूत माइकल एस ओवेन ने मोदी से मुलाकात की थी. विकीलीक्स ने उस मुलाकात के गोपनीय केबल को भी ट्विट किया है जिसमें यह भी कहा गया था कि दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने इस दस्तावेज को मंजूरी दी थी.

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