आतंकी हमले का शिकार हो चुके बोधगया मंदिर को मिलेगा सशस्त्र सुरक्षा घेरा

नयी दिल्ली : महाबोधि मंदिर पर आतंकी हमले के चार साल बाद केंद्र सरकार बिहार के बोधगया में स्थित यूनेस्को के इस विश्व धरोहर स्थल को प्रशिक्षित अर्द्धसैनिक कमांडो का सशस्त्र सुरक्षा घेरा प्रदान करने की योजना बना रही है. बोधगया मंदिर के अंदर और उसके आसपास सात जुलाई, 2013 को हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2017 7:55 PM

नयी दिल्ली : महाबोधि मंदिर पर आतंकी हमले के चार साल बाद केंद्र सरकार बिहार के बोधगया में स्थित यूनेस्को के इस विश्व धरोहर स्थल को प्रशिक्षित अर्द्धसैनिक कमांडो का सशस्त्र सुरक्षा घेरा प्रदान करने की योजना बना रही है. बोधगया मंदिर के अंदर और उसके आसपास सात जुलाई, 2013 को हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों में दो बौद्ध भिक्षु घायल हुए थे. इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की राजधानी पटना से 115 किलोमीटर दूर स्थित मंदिर परिसर और इसके आसपास के मंदिरों के लिए सशस्त्र सुरक्षा घेरे की मांग की थी.

अधिकारियों ने कहा कि कई दौर की उच्चस्तरीय वार्ता के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंदिर परिसर को सीआईएसएफ का सुरक्षा घेरा मुहैया कराने की मंजूरी देने का फैसला किया है. योजना को अंतिम रूप देने के लिए कुछ और बैठकें होंगी. उन्होंने कहा कि सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करने के आधारों का विश्लेषण किया गया है और सुरक्षा तंत्र को लगता है कि दुनिया के इस प्रसिद्ध मंदिर को विश्व धरोहर स्थल होने की वजह से सुरक्षा घेरा प्रदान करने की जरूरत है. हर साल यहां लाखों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक तथा अनुयायी आते हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘मंदिर परिसर को सुरक्षा घेरा प्रदान करने के लिए अंतिम मंजूरी गृह मंत्रालय से इस महीने के अंत में मिल सकती है. सुरक्षा ऑडिट में सीआईएसएफ के करीब 150 से 200 कमांडो और जवानों का प्रस्ताव किया गया है, जो इस परिसर की सुरक्षा के लिए जरूरी होंगे.” अधिकारियों ने कहा कि सीआईएसएफ की तैनाती के बाद मंदिर ट्रस्ट 20 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की अनुमानित लागत को वहन नहीं कर सकेगा और बिहार सरकार केंद्र के साथ परामर्श से यह राशि प्रदान कर सकती है.

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