नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के बीच बुधवार को दिल्ली हाइकोर्ट में तीखी बहस देखने को मिली. यह बहस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के मामले में जेटली से जिरह के दौरान हुई.
दरअसल, जिरह के दौरान जेठमलानी ने जेटली पर कई गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि डीडीसीए में अनियमितताओं पर उनका लेख एक साप्ताहिक पत्रिका में मंत्री के निर्देश पर प्रकाशित नहीं हो सका. उस समय जेटली डीडीसीए अध्यक्ष हुआ करते थे. इस पर संयुक्त रजिस्ट्रार दीपाली शर्मा के समक्ष जेटली और जेठमलानी के बीच बहस हो गयी. जेठमलानी ने कहा कि उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल केजरीवाल के निर्देश पर किया है.
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इस पर संयुक्त रजिस्ट्रार ने आपत्ति जतायी और कहा कि वरिष्ठ वकील और अन्य अपनी हदें लांघ रहे हैं और अदालत को मामले में आगे बढ़ने की अनुमति देनी चाहिए. यह मामला डीडीसीए से जुड़ा हुआ है.
अरुण जेटली बदमाश हैं और ये मैं दिखाऊंगा. मैंने कालाधन देश में लाने के लिए जितनी लड़ाई लड़ी, उस पर जेटली ने पानी फेर दिया. मैं अपने क्लाइंट की मर्जी से मिल रहा हूं. उससे केस समझने के लिए मिलता हूं.
राम जेठमलानी, वरिष्ठ वकील
क्या केजरीवाल से निर्देश लेकर उनके खिलाफ इस शब्द का इस्तेमाल किया गया. अगर ऐसा है, तो मैं प्रतिवादी (केजरीवाल) के खिलाफ आरोपों को बढ़ा दूंगा. निजी दुर्भावना की भी एक सीमा है.
अरुण जेटली, वित्त मंत्री