पाक आतंकियों द्वारा हुर्रियत को फंडिंग किये जाने की जांच के लिए घाटी पहुंची एनआइए की टीम
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद समेत पाकिस्तान के अन्य आतंकियों द्वारा हुर्रियत नेताओं सईद अली शाह गिलानी, नईम खान और अन्य लोगों को जम्मू-कश्मीर में फंडिंग किये जाने कामामला शुक्रवार को दर्ज किया है. अशांत कश्मीर को लेकर केंद्र की इसे बड़ी कार्रवाई कहा जा सकता है. […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद समेत पाकिस्तान के अन्य आतंकियों द्वारा हुर्रियत नेताओं सईद अली शाह गिलानी, नईम खान और अन्य लोगों को जम्मू-कश्मीर में फंडिंग किये जाने कामामला शुक्रवार को दर्ज किया है. अशांत कश्मीर को लेकर केंद्र की इसे बड़ी कार्रवाई कहा जा सकता है. सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ सदस्यों केनेतृत्व में एनआईए की टीम हुर्रियत को फंडिंग किये जाने की जांच के लिए घाटी तक पहुंच गयी है. यह टीम हुर्रियत को वित्तपोषण किये जाने की बारीकी से जांच करेगी, जिसका इस्तेमाल पत्थरबाजों,सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान करने और विध्वंसक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दो आईएसआई कार्यकर्ताओं की हालिया गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में अलगाववादियों को 70 लाख रुपये फंडिंग की है. इसके बाद एनआईए ने यह कार्रवाई की है.
वहीं, हुर्रियत नेताओं और अलगाववादियों ने कश्मीरियों से कहा है कि वे अपने बच्चों को सेना द्वारासंचालित स्कूलों में न भेजें.उन्होंने आरोप लगाया है कि ये संस्थाएं हमारी अगली पीढ़ी को हमारे धर्म और संस्कृति से दूर कर रही हैं. हालांकि, इन स्कूलों से पढ़ाई कर निकले कई परिवारों के बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मिली है. वे विदेशों में बसे हैं और शानदार जीवन जी रहे हैं.
वहीं, भाजपा नेता सुदेश वर्मा ने कहा है कि पाकिस्तान का एकमात्र मकसद घाटी में परेशानी पैदा करना है और सभी इस बात को जानते हैं. अब समय है कि उन छद्म उदारवादियों सहित हम सभी को यह स्वीकार कर लेनाचाहिए, जो पाकिस्तान में कोई गलती नहीं देखते हैं और भारतीय सुरक्षा बलों को दोषी मानते हैं.