माननीय की मनमानी का video viral : जेल में कैद MLA ने पुलिस अधिकारी को दी धमकी, कहा – ”तुम मुझे जानते नहीं”
मुंबई : विधायक हैं, तो माननीय भी हैं और माननीय हैं, तो मनमानी करना उनका राजनीतिक व प्रशासनसिद्ध अधिकार है. तभी तो महाराष्ट्र की जेल में कैद होने के बावजूद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक विधायक ने एक पुलिस अधिकारी के साथ बदसलूकी की. दरअसल, जेल में वैन आने में देर होने पर एनसीपी […]
मुंबई : विधायक हैं, तो माननीय भी हैं और माननीय हैं, तो मनमानी करना उनका राजनीतिक व प्रशासनसिद्ध अधिकार है. तभी तो महाराष्ट्र की जेल में कैद होने के बावजूद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक विधायक ने एक पुलिस अधिकारी के साथ बदसलूकी की. दरअसल, जेल में वैन आने में देर होने पर एनसीपी के विधायक रमेश कदम का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और वे वहां मौजूद पुलिस अधिकारी पर बरसने लगे.
इतना ही नहीं, यह माननीय अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए पुलिस अधिकारी को धमकी देने में भी कोताही नहीं बरती, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी यह हरकत कैमरे में कैद हो गयी, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. गौरतलब है कि रमेश कदम पिछले 19 महीने से जेल में हैं. उनहें 300 करोड़ के घोटाले में अगस्त, 2015 को गिरफ्तार किया गया था.
बताया जाता है कि यह वाकया उस वक्त घटित हुआ, जब मेडिकल परीक्षण के लिए रमेश कदम को अस्पताल ले जाया जा रहा था. उसी कड़ी में जब वैन आने में देरी हुई, तो विधायक रमेश ने नाराज होकर पुलिस अधिकारी के साथ गाली-गलौच की. उन्होंने पुलिस ऑफिसर से कहा कि तुम जानते नहीं कि मैं कौन हूं.
वीडियो में रमेश कदम के साथ दिख रहे एपीआई मनोज पवार ने फोन पर एनडीटीवी को बताया कि उन्होंने आरोपी विधायक की बदसलूकी की नागपाड़ा पुलिस थाने में डायरी की है और अपने विभाग में भी रिपोर्ट कर दिया है. वीडियो में आरोपी विधायक रमेश कदम मनोज पवार पर पैसे मांगने का आरोप लगाते हुए भी दिख रहे हैं. हालांकि, मनोज पवार का कहना है कि खुद को बचाने के लिए विधायक जानबूझकर झूठी कहानी गढ़ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि रमेश कदम सरकार द्वारा गठित अन्नाभाऊ साठे डेवलपमेंट कारपोरेशन में चेयरमैन थे. इस गठन राज्य की मतंग समुदाय के सदस्यों की वित्तीय मदद के लिए किया गया था. लेकिन पुलिस के मुताबिक इसके बजाय कदम ने अपने नियंत्रण वाली कंपनियों में फंड को लगाया. इस साल मार्च में इस एक विशेष अदालत ने इस केस के संबंध में कदम और उनके सहयोगियों की 135 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया था.