भूस्खलन से बाधित बद्रीनाथ राजमार्ग 24 घंटे बाद खुला
देहरादून : उत्तराखंड के चमोली जिले में विष्णुप्रयाग के पास हाथी पहाड़ से हुए भूस्खलन के कारण शुक्रवार से बाधित ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 24 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद शनिवार की शाम फिर से यातायात के लिए खुल गया. चमोली जिले के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि पहाड़ से गिरे मलबे की […]
देहरादून : उत्तराखंड के चमोली जिले में विष्णुप्रयाग के पास हाथी पहाड़ से हुए भूस्खलन के कारण शुक्रवार से बाधित ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 24 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद शनिवार की शाम फिर से यातायात के लिए खुल गया.
चमोली जिले के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि पहाड़ से गिरे मलबे की सफाई का काम युद्धस्तर पर रात-दिन चलाया गया और 24 घंटे बाद राजमार्ग एक बार फिर खोल दिया गया. शुक्रवार की दोपहर करीब तीन बजे अचानक हाथी पहाड़ की चोटी से चट्टानें खिसकने और बड़े-बड़े पत्थर नीचे खिसकने का सिलसिला शुरु हुआ था जिसने सड़क के 75 मीटर हिस्से को मलबे से पाट दिया था. मलबा आने के कारण राजमार्ग बाधित होने के बाद जिला प्रशासन ने दोनों तरफ मौजूद करीब डेढ हजार से दो हजार तीर्थयात्रियों को बदरीनाथ, विष्णुप्रयाग, गोविंदघाट सहित विभिन्न स्थानों पर रोक लिया था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा सचिव अमित नेगी को स्थिति की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिये थे.
इससे पहले, कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया था कि सभी तीर्थयात्री सुरक्षित हैं. यहां संवाददाताओं से कौशिक ने बताया कि भूस्खलन के कारण प्रभावित हुए सभी श्रद्वालुओं का बद्रीनाथ, गोविंदघाट, विष्णुप्रयाग तथा अन्य स्थानों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, गोविंदघाट स्थित गुरुद्वारा प्रबंधक समिति तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से उनके खाने और ठहरने का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा राजमार्ग पर जमा मलबे को साथ करने के लिए तीन पोकलैंड मशीन, एक अर्थमूवर मशीन और एक एयर कम्प्रेसर को लगाया गया है. इस अभियान को रात में भी जारी रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तीन इनफ्लेटेबल लाइट टावर भी लगाये गये.