अहमदाबाद : सीबीआई ने निलंबित आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा की जमानत याचिका का आज यह कहते हुए विरोध किया कि वह सबूतों के साथ छेडछाड कर सकते हैं क्योंकि वह राजनैतिक तौर पर अच्छी तरह जुडे हुए हैं.जांच अधिकारी (आईओ) पी एन बोस ने यहां विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश गीता गोपी के समक्ष दायर जवाब में कहा, ‘‘आरोपी (डी जी वंजारा) काफी प्रभावशाली हैं और राजनैतिक तौर पर अच्छी तरह जुडे हुए हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि वह सबूतों के साथ छेडछाड कर सकते हैं.’’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 मार्च को निर्धारित कर दी. बोस ने कहा कि वंजारा की जमानत पर रिहाई न्यायिक प्रक्रिया को खतरे में डाल सकती है क्योंकि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते है.
बोस ने अपने जवाब में कहा, ‘‘डी जी वंजारा ने जीशान जौहर, अमजद अली, जावेद शेख और इशरत जहां की हत्या में प्रमुख भूमिका निभाई थी.’’ मुठभेड से पहले पीडितों को कैद करके रखने में उनकी कथित भूमिका के बारे में सीबीआई ने कहा, ‘‘वंजारा ने अरहाम फार्म में अमजद अली पर गार्ड की भूमिका निभाई थी. वहां वह अन्य सह आरोपियों के साथ गए थे और उनसे पूछताछ की थी.’’ जवाब में यह भी कहा गया, ‘‘जावेद और इशरत का अपहरण करने के बाद उन्हें अहमदाबाद में एस जी हाईवे पर खोडियार फार्म हाउस में रखा गया. कैद करके रखे जाने के दौरान वंजारा और अन्य सह आरोपियों ने उनसे पूछताछ की.’’