जम्मू : कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए स्थानीय युवक को जीप से बांध कर घुमानेवाले मेजर नितिन गोगोई को सेना ने सम्मानित किया है. थल सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने मेजर गोगोई को कॉउंटर इमरजेंसी ऑपरेशन के दौरान बेहतरीन प्रयास के लिए सम्मानित किया लेकिन सूबे की सरकार ऐसा लगता है इस खबर से खुश नहीं है. खबरों की माने तो मामले को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार आमने-सामने हैं. मंगलवार को कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने कहा है कि अभी भी गोगोई के खिलाफ जांच जारी रहेगी, उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एफआइआर पहले से ही दर्ज है. इसमें कुछ भी निर्णय आये, वह हम नहीं जानते लेकिन जांच जारी रहेगी.
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आपको बता दें कि इस प्रयास के लिए मेजर नितिन गोगोई को आर्मी चीफ कमेंडेशन कार्ड प्रदान किया गया है. गोगोई उस वक्त सुर्खियों में आ गये थे, जब जम्मू-कश्मीर में एक स्थानीय युवक के आर्मी जीप से बंधे होने की तसवीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी थी. बहुत सारे लोगों ने सेना के इस कदम की आलोचना की थी. इसके बाद सेना ने इस मामले को कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी के आदेश दिये थे. इस जांच के बीच ही मेजर नितिन गोगोई को मिले सम्मान के बाद सोशल मीडिया पर तमाम लोग मेजर की प्रशंसा करते दिख रहे हैं.
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सेना के सूत्रों के मुताबिक, जिन हालात में गोगोई ने ऐसा फैसला लिया, उसमें आम तौर पर सेना को फायरिंग करनी पड़ती है, लेकिन मेजर ने समझदारी का परिचय देते हुए यह कदम उठाया. स्थानीय युवक के जीप पर बंधे होने की वजह से भीड़ ने पत्थरबाजी नहीं की और पूरा काफिला सुरक्षित घटनास्थल से निकलने में कामयाब रहा. सेना के इस कदम ने कई जिंदगियां बचायी थीं.