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अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीए राजेश अग्रवाल को ईडी की तीन दिन की हिरासत में भेजा

नयी दिल्ली : करीब 8,000 करोड़ रुपये के एकमनी लॉन्ड्रिंगरैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवारको प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तीन दिन की हिरासत में भेज दिया. इस रैकेट में दिल्ली के रहनेवाले दो भाई भी शामिल बताये जा रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार सीए […]

नयी दिल्ली : करीब 8,000 करोड़ रुपये के एकमनी लॉन्ड्रिंगरैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवारको प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तीन दिन की हिरासत में भेज दिया. इस रैकेट में दिल्ली के रहनेवाले दो भाई भी शामिल बताये जा रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार सीए राजेश अग्रवाल को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रुबी अलका गुप्ता की अदालत में पेश किया गया.

निदेशालय ने यह दावा करते हुए अग्रवाल की 14 दिन की हिरासत मांगी कि साजिश का पता लगाने और धन कहां से आया एवं कहां गया, इसका खुलासा करने के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है. एजेंसी ने दावा किया कि अग्रवाल से पूछताछ के बाद कई अहम तथ्य सामने आने की संभावना है. इससे पहले, निदेशालय सूत्रों ने दिन में दावा किया कि अग्रवाल ने कई हाई-प्रोफाइल लोगों और राजनीतिक संस्थाओं को अपने काले धन सफेद करने में अहम भूमिका निभायी. इनमें वह भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ 1,000 करोड़ रुपये के संदेहास्पद जमीन सौदे के मामले में आयकर विभाग जांच कर रही है.

निदेशालय के सूत्रों ने यह दावा भी किया था कि अग्रवाल फर्जी कंपनियों के जरिये कथित तौर पर संचालित 8,000 करोड़ रुपये केमनी लॉन्ड्रिंगरैकेट में ईडी की ओर से गिरफ्तार कियेगये जैन बंधुओं (वीरेंद्र और सुरेंद्र) के लिए धन को ठिकाना लगाने के काम में कथित तौर पर शामिल थे. एक अधिकारी ने कहा था कि अग्रवाल को हिरासत में लेने के बाद उनसे ऐसे सभी सौदों और उनसे जुड़े लोगों के बारे में पूछताछ की जायेगी.

कंपनी मिशैल कथित तौर पर मीसा भारती से जुड़ी हुई है, जो कि एक सांसद भी हैं. इसके साथ ही उससे जुड़ी करीब दो दर्जन इकाइयां एक हजार करोड़ रुपये के संदिग्ध भूमि सौदे मामले को लेकर आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं. आयकर अधिकारियों ने इस संबंध में कुछ समय पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र में कई छापे मारे थे.

एजेंसी ने कहा कि कंपनी जगत प्रोजेक्ट्स ने 62.20 करोड़ रुपये की अपनी बेहिसाब धनराशि ‘‘जैन भाइयों के नियंत्रण वाली 26 मुखौटा कंपनियों के जरिये शेयर लेकर परोक्ष रूप से वैध लेन-देन में तब्दील की.’ अधिकारियों ने कहा कि सीए जैन भाइयों के लिए कथित रूप से धनराशि भेजने में शामिल था. सीए को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से 8000 करोड़ रुपये केमनी लॉन्ड्रिंगरैकेट में गिरफ्तार किया गया है, जिसे कथित तौर पर मुखौटा कंपिनयों के जरिये संचालित किया जा रहा था.

एक अधिकारी ने कहा कि अग्रवाल की हिरासत मिलने के बाद उससे ऐसे सौदों और उससे जुड़े लोगों के बारे में विस्तृत तौर पर पूछताछ की जायेगी. जांच विस्तारित कर दी गयी है और कुछ राजनीतिक दलों के लोग इसके दायरे में हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि जैन भाई अग्रवाल के नाम से एक लेजर अकाउंट ‘‘रख रहे थे.’ उसने दावा किया कि अग्रवाल ने अकेले ‘‘वित्तीय वर्ष 2009-2010 में 39 करोड़ रुपये से अधिक’ के अवैध लेन-देन किये.

एजेंसी ने गत सप्ताह यहां की एक अदालत में जैन भाइयों के खिलाफ एक आरोपपत्र दायर किया था. उसने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भट्टी गांव में उनकी 1.12 करोड़ रुपये की कृषि भूमि भी कुर्क कर ली थी. इसके साथ ही मामले में कुर्क कुल सम्पत्ति 65.82 करोड़ रुपये की हो गयी है. निदेशालय ने इस जांच मामले में कम से कम 90 मुखौटा कंपनियों की पहचान की है. प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि पूरा रैकेट करीब आठ हजार करोड़ रुपये का है, जो अवैध गतिविधि से जुड़ा है.

इस बीच, भाजपा ने मांग की कि बिहार सरकार राज्य में संचालित होने वाली मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करे. बिहार भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों को जनता को अपनी संपत्ति के बारे में बताना चाहिए. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ बिल्कुल भी बरदाश्त नहीं करने की नीति की बात करते थे और अब उन्हें उस पर अमल करना चाहिए.

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