उमर अब्दुल्ला ने पत्थरबाज को जीप से बांधने वाले मेजर पर सेना के कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी को बताया ढोंग

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल के रूप में एक पत्थरबाज को जीप के बोनट से बांधने वाले मेजर लीतुल गोगोई के विरुद्ध सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी को ‘स्वांग’ बताया. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मेजर को आतंकवाद रोधी अभियानों में उनके सतत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2017 1:48 PM

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल के रूप में एक पत्थरबाज को जीप के बोनट से बांधने वाले मेजर लीतुल गोगोई के विरुद्ध सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी को ‘स्वांग’ बताया. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मेजर को आतंकवाद रोधी अभियानों में उनके सतत प्रयासों के लिए हाल ही में ‘प्रशस्ति पत्र’ से सम्मानित किया है. सेना की ओर से संबंधित मेजर को सम्मानित किये जाने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सेना की कार्रवाई पर ही सवाल खड़ा करते हुए उसे ढोंग बताया है.

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अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर पर लिखा कि भविष्य में कृपया सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का तमाशा करने का कष्ट ना उठाये. साफ तौर पर जो अदालत मायने रखती है, वह है जनमत की अदालत. एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मतदान के दौरान सेना के वाहन पर एक व्यक्ति को बांधा हुआ है. इस वीडिया के सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश पैदा हो गया था, जिस कारण सेना को जांच शुरू करनी पड़ी और पुलिस को अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार मानवाधिकार उल्लंघनों के मुद्दों पर दोहरे मापदंड अपना रही है. उन्होंने कहा कि जिनेवा : विएना जैसी अंतरराष्ट्रीय संधियों पर तभी बात हो सकती है, जब भारत दूसरों पर उल्लंघनों का आरोप लगाता है. जैसा कि हम कहते हैं, वैसा करो ना कि जैसा हम करते है, वैसा.

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