सुरक्षाकर्मियों की पहचान के खुलासे पर हाईकोर्ट गंभीर, कहा- सरकार सुनिश्चित करे कि न हो खुलासा
नयी दिल्ली : एक टीवी चैनल की ओर से संवेदनशील इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बल के जवानों और उनके परिवार की पहचान का कथित खुलासा करने से स्तब्ध दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र को मामले की पड़ताल करने और प्रसारण से पहले सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया़ न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने […]
नयी दिल्ली : एक टीवी चैनल की ओर से संवेदनशील इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बल के जवानों और उनके परिवार की पहचान का कथित खुलासा करने से स्तब्ध दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र को मामले की पड़ताल करने और प्रसारण से पहले सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया़
न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने कहा, ‘‘यह गंभीर मामला है. किसी सैनिक की पहचान का खुलासा कैसे किया जा सकता है? यह वाकई स्तब्ध करनेवाला है.’ न्यायालय ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि वे एक टीवी शो के कार्यक्रम की शृंखला की पड़ताल करें और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं कि अर्धसैनिक बलों के जवानों और उनके परिजन की पहचान का खुलासा नहीं हो, क्योंकि ऐसा होने से उनकी जान को खतरा है.
पीठ ने कहा कि यदि सरकार को लगता है कि इस कार्यक्रम से जवानों की पहचान प्रभावित होती है, तो उसे ‘‘सुनिश्चित करना होगा कि प्रसारण से पहले पर्याप्त सुरक्षा के उपाय किये जाएं.’ न्यायालय ने दोनों मंत्रालयों, मीडिया हाउस और बीएसएफ, सीआरपीएफ एवं आईटीबीपी जैसे अर्धसैनिक बलों को भी नोटिस जारी किया और एक पूर्व सैनिक की अर्जी पर उनके जवाब मांगे हैं. याचिकाकर्ता पूरन चंद आर्य ने आरोप लगाया है कि टीवी चैनल ने कई अर्धसैनिक बल के जवानों और उनके परिजन की पहचान का खुलासा कर दिया. अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 19 सितंबर को करेगी.