मणिपुर: 12वीं की परीक्षा में दिहाड़ी कामगार को मिली चौथी रैंक
इंफाल : थूनाओजम लोयंगैम्बा मैती को जब पता चला कि 12वीं कक्षा की वाणिज्य की परीक्षा में उसे राज्य में चौथी रैंक मिली है, उस वक्त वह एक निर्माण स्थल पर गिट्टियों (स्टोन चिप्स) को धोने का काम कर रहा था. अंशकालिक तौर पर दिहाड़ी मजदूरी करनेवाले मैती को अपने परिवार की गरीबी के कारण […]
इंफाल : थूनाओजम लोयंगैम्बा मैती को जब पता चला कि 12वीं कक्षा की वाणिज्य की परीक्षा में उसे राज्य में चौथी रैंक मिली है, उस वक्त वह एक निर्माण स्थल पर गिट्टियों (स्टोन चिप्स) को धोने का काम कर रहा था.
अंशकालिक तौर पर दिहाड़ी मजदूरी करनेवाले मैती को अपने परिवार की गरीबी के कारण काफी कम उम्र से ही काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा. मैती आगे चलकर नौकरशाह बनना चाहता है. मैती के दोस्त ने जब उसे मणिपुर में चौथी रैंक मिलने की खुशखबरी सुनायी, तो उसे अपनी इस उपलब्धि पर यकीन ही नहीं हुआ.
मैती ने बताया, ‘‘मैं तो बस इतना चाहता था कि 12वीं कक्षा में मेरे अंक मैट्रिक की परीक्षा के अंकों से ज्यादा आएं. मैट्रिक में मुझे 70.2 फीसदी अंक आये थे.’ हालांकि, मैती को मैट्रिक परीक्षा से ज्यादा अंक तो नहीं आ सके, लेकिन उसने राज्य के टॉपरों में अपनी जगह बना ली, जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था. उसे 12वीं में 69.2 फीसदी अंक मिले. मैती को मणिपुर की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित परीक्षा में कुल 500 अंकों में से 346 अंक मिले. 12वीं कक्षा के परिणाम मंगलवारको ही घोषित हुए हैं.