अर्थव्यवस्था के बारे में श्वेतपत्र लाएं प्रधानमंत्री : कांग्रेस

नयी दिल्ली : राजग सरकार के तीन साल पूरे होने से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि एक व्यक्ति को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने के लिए प्रचार प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च किय गये. पार्टी ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में एक श्वेत पत्र लाएं तथा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2017 9:08 PM

नयी दिल्ली : राजग सरकार के तीन साल पूरे होने से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि एक व्यक्ति को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने के लिए प्रचार प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च किय गये. पार्टी ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में एक श्वेत पत्र लाएं तथा पुराने फार्मूले के अनुसार जीडीपी आंकड़ों तथा पिछले तीन वर्ष में जिन लोगों को नौकरी दी गयी, उनके नाम सार्वजनिक करें.

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने मोदी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर सरकार द्वारा किये जा रहे प्रचार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा ने प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने के लिए खजाना खोल दिया है तथा अकेले केंद्र सरकार की ओर से ही 1500 करोड़ रुपये व्यय किये गये हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

शर्मा ने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुस्त बताया तथा कहा कि कोई निवेश नहीं आने के कारण विकास भी रुक गया है. साथ ही निवेश, बैंक बचत दरें और गैर कृषि बैंक ऋण उठान दर भी कम हो गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से मांग करते हैं कि वह अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में श्वेत पत्र लाये. हम सरकार से यह भी मांग करते हैं कि पुराने फार्मूला के अनुसार जीडीपी आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाये.”

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री को यह भी चुनौती देते हैं कि वह केंद्र में भाजपा के शासनकाल में जिन लोगों को रोजगार दिया गया उनका नाम सार्वजनिक करें.” उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियों के सृजन के वादे के स्थान पर पिछले साल केवल डेढ़ लाख नौकरियां दी गयीं. कांग्रेस ने देश की आंतरिक स्थिति को लेकर भी चिंता जतायी तथा पाकिस्तान को लेकर सरकार की नीति को ‘‘राजनयिक आपदा” करार दिया.

शर्मा ने कहा, ‘‘अगले कुछ सप्ताह तक एक प्रचंड प्रचार होगा. सरकारी खजाना लुटाया जायेगा, केंद्रीय सरकार का लगभग 1500 करोड़, पीएसयूस का करोड़ों रुपये और भाजपा की राज्य सरकारों के सैंकड़ों करोड़ रुपये खर्च होंगे. करोडों लोगों को भ्रमित करने के लिए, एक मिथ्या प्रचार के लिए यह सब किया जायेगा.” उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी और राजग सरकार ने जश्न का ऐलान किया है. ये जश्न का नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की जवाबदेही का समय है. तीन साल की वायदाखिलाफी का जवाब देने का समय है. बेरोजगारी बढ़ाने का, देश के अर्थतंत्र को तोड़ने का और हर एक मानक बदल कर एक नकली तस्वीर जनता के सामने पेश करने का प्रयास किया गया.”

शर्मा ने कहा, ‘‘व्यक्तिवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. व्यक्ति पूजा को भारतीय जनता पार्टी अधिकारिक ओहदा दे रही है. ये प्रजातंत्र के लिए घातक है. ये अधिनायकवादी सरकार है, जहां सत्ता, शासन, शक्ति का और हर निर्णय का केंद्रीयकरण कर लिया गया है.” उन्होंने कहा, ‘‘आज सबसे पहला सवाल है, हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा देने में, इस सरकार की नीति पूर्णत: विफल है.

538 जवान शहीद हुए हैं, 200 से अधिक कश्मीर में मरे हैं, दो वर्ष में. सेना के बड़े अधिकारी मारे जा रहे हैं. सीमा पार से निरंतर हमले हो रहे हैं और सरकार की तरफ से हर कुछ महीने के बाद एक वीडियो जारी करके लोगों को गुमराह किया जा रहा है, लोगों का ध्यान बंटाया जा रहा है.”

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘एक युद्ध का उन्माद पिछले कुछ दिनों से पैदा किया जा रहा है भारत और पाकिस्तान के बीच, ताकि जो सवाल करने चाहिए, वो सवाल ना किये जाएं और पूरा ध्यान इस युद्ध के उन्माद में चला जाये. हम सरकार को चेताना चाहते हैं कि वो कोई गैर-जिम्मेदाराना बात करने से पहले पूरे विपक्ष को, विश्वास में लें.” शर्मा ने कहा, ‘‘इस सरकार की कश्मीर की नीति विफल रही है. पाकिस्तान के बारे में नरेंद्र मोदी जी की नीति या कूटनीति धराशायी हुई है. प्रधानमंत्री ने एक बार भी विनम्रता से खेद नहीं व्यक्त किया कि उन्होंने बड़ी भूल की थी.”

उन्होंने कहा कि पठानकोट सहित सेना के बड़े-बड़े ठिकाने हैं, जिन पर हमले हुए हैं और तीन बार भारत के जवानों के सिर काटे गये. सरहद के पार से आतंकवादी या पाकिस्तान की सेना द्वारा, देश को अपमानित होना पड़ा. लेकिन, सबसे बड़ा अपमान उस दिन हुआ, जब मोदी बिना कूटनीति समझे लाहौर उतर गये थे. एक छोटे से छोटे देश के भी प्रधानमंत्री अगर हमारे देश में आते हैं या किसी दूसरे देश में जाते हैं, तो उनका स्वागत होता है, उनको सलामी मिलती है. हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री लाहौर में उतरे और वहां की थल सेना, वायुसेना और जल सेना के मुखियाओं ने उन्हें सलामी नहीं दी. अगर आज कोई सवाल करे, तो वह राष्ट्रविरोधी हो जाता है.

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