#maankibaat : मोदी ने सरकार के कामकाज के बारे में सर्वेक्षणों की सराहना की
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न मीडिया वर्गों में उनकी तीन साल पुरानी सरकार के कामकाज के बारे में किये गये विश्लेषणों की सराहना करते हुए आज कहा कि ‘‘सकारात्मक आलोचना” से लोकतंत्र को मजबूती मिली है. उन्होंने कहा कि कुछ सर्वे और रायशुमारी में उनकी सरकार के काम की सराहना की गयी […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न मीडिया वर्गों में उनकी तीन साल पुरानी सरकार के कामकाज के बारे में किये गये विश्लेषणों की सराहना करते हुए आज कहा कि ‘‘सकारात्मक आलोचना” से लोकतंत्र को मजबूती मिली है. उन्होंने कहा कि कुछ सर्वे और रायशुमारी में उनकी सरकार के काम की सराहना की गयी है और उसे समर्थन दिया गया है जबकि कुछ अन्य ने उसकी कमियों को उजागर किया है.
मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा, ‘‘पिछले 15 दिन, महीने से, लगातार अखबार हो, टी.वी. चैनल हो, सोशल मीडिया हो, वर्तमान सरकार के तीन वर्ष का लेखा-जोखा चल रहा है. तीन साल पूर्व आपने मुझे प्रधान सेवक का दायित्व दिया था. ढेर सारे सर्वे हुए हैं, ढेर सारी रायशुमारी आयी हैं.”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सारी प्रक्रिया को बहुत ही स्वस्थ संकेत के रुप में देखता हूं. हर कसौटी पर इस 3 साल के कार्यकाल को कसा गया है. समाज के हर तबके के लोगों ने उसका विश्लेषण किया है और लोकतंत्र में एक उत्तम प्रक्रिया है और मेरा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों को जवाबदेह होना चाहिए, जनता-जनार्दन को अपने काम का हिसाब देना चाहिए.
मैं उन सब लोगों का धन्यवाद करता हूं , जिन्होंने समय निकाल करके हमारे काम की गहराई से विवेचना की, कहीं सराहना हुई, कहीं समर्थन आया, कहीं कमियां निकाली गई, मैं इन सब बातों का बहुत महत्व समझता हूं. मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने आलोचनात्मक और महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो त्रुटियां होती हैं, कमियां होती हैं, वो भी जब उजागर होती हैं तो उससे भी सुधार करने का अवसर मिलता है. बात अच्छी हो, कम अच्छी हो, बुरी हो, जो भी हो, उसमें से ही सीखना है और उसी के सहारे आगे बढ़ना है.
सकारात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देती है. एक जागरुक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है.” मोदी के नेतृत्व में भाजपा 2014 के लोकसभा चुनाव में व्यापक जनसमर्थन के साथ सत्ता में आयी थी. मोदी ने 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
इस वर्ष की गरमी शायद ही कोई भूल पायेगा. आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तब रमजान का पवित्र महीना आरंभ हो चुका है. हमें गर्व करना चाहिए कि विश्व के सभी संप्रदाय के लोग यहां रहते हैं और सभी शांति के साथ रहते हैं. हम गर्व कर सकते हैं कि भारत में सभी धर्म संप्रदाय के लोग एक साथ रहते हैं. हम आशा करते हैं कि पवित्र रमजान का यह माह लोगों में शांति और सौहार्द्र लेकर आये.
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की लेखनी ने भी आजादी को बल दिया. यह खुशी की बात है कि आज की युवा पीढ़ी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को जानने का प्रयास किया है. युवापीढ़ी हमारे इतिहास, स्वतंत्रता सेनानियों, देश के लिए बलिदान देने वाले लोगों के विषय में जानने में रूचि रख रही है. 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ीयों को लाभ मिलेगा.
वेदों में पृथ्वी और पर्यावरण को शक्ति का मूल माना गया है. हमारे यहां कहा गया है, माता भूमि: पुत्रो अहम् पृथिव्या:. वेदों में कहा गया है कि हम में जो पवित्रता है वह हमारी पृथ्वी के कारण है. धरती हमारी माता है और हम उसके पुत्र हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दिल्ली के आरके पुरम इलाके में गरीब लोगों के साथ रेडियो पर इस कार्यक्रम को सुन रहे हैं.
* योग के द्वारा हमने विश्व को एक सूत्र में जोड़ा : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हमने योग के द्वारा विश्व को एक सूत्र में जोड़ने का काम किया. योग Wellness और Fitness दोनों की गारंटी है. मोदी ने कहा, योग दिवस पर तीन पीढ़ी के लोग एक साथ योग करें और तस्वीर अपलोड करें.
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* ‘मन की बात’ पर दो पुस्तकें लॉन्च
मन की बात कार्यक्रम पर पिछले दिनों दो पुस्तकें भी आ चुकी हैं. केंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर 26 मई को ‘मन की बात’ को किताब के रूप में लॉन्च किया गया. ‘मन की बात : ए सोशल रिवोल्युशन ऑन रेडियो’ और ‘मार्चिंग विद ए बिलियन- एनालाइजिंग नरेन्द्र मोदी गवर्नमेंट एट मिडटर्म’ के नाम से राष्ट्रतिभवन में दो किताबों का अनावरण किया गया.
* उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बताया संवाद का सशक्त जरिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की जा रही ‘मन की बात’ कार्यक्रम को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने संवाद का सशक्त जरिया बताया है.