‘आप’ को खल रही है अन्ना हजारे की कमी

सुलतानपुर: बहुत तेजी से देश के राजनीतिक क्षितिज पर उभरी आम आदमी पार्टी (आप) को अब अन्ना हजारे की कमी खल रही है और उसका कहना है कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में अलख जगाने वाला यह समाजसेवी उनके साथ होता तो ‘आप’ का मकसद कम समय में ही पूरा हो जाता. ‘आप’ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2014 5:14 PM
सुलतानपुर: बहुत तेजी से देश के राजनीतिक क्षितिज पर उभरी आम आदमी पार्टी (आप) को अब अन्ना हजारे की कमी खल रही है और उसका कहना है कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में अलख जगाने वाला यह समाजसेवी उनके साथ होता तो ‘आप’ का मकसद कम समय में ही पूरा हो जाता.
‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी को हजारे की कमी खल रही है. पार्टी भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के जिस मकसद को पूरा करने के लिये ज्यादा उर्जा खर्च करके लम्बे समय तक संघर्ष कर रही है, अगर हजारे साथ होते तो उसे उतनी जद्दोजहद नहीं करनी पडती.
हजारे के सहयोगी अरविन्द केजरीवाल द्वारा उनकी मर्जी के बगैर अस्तित्व में लायी गयी ‘आप’ के प्रवक्ता ने कहा कि इस समाजसेवी के ‘आप’ के साथ रहते आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को ज्यादा फायदा मिलता. उन्होंने एक सवाल पर कहा कि ‘आप’ के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का वाराणसी से चुनाव लडना तय है जिसकी घोषणा 25 मार्च को होने वाली रैली में की जाएगी.
आगामी लोकसभा चुनाव में कम से कम 100 सीटें जीतने का दावा करते हुए सिंह ने कहा कि ‘आप’ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ समेत देश के सभी राज्यों में प्रत्याशी खडे करेगी. अब तक 242 उम्मीदवारों के नाम घोषित किये जा चुके हैं. बाकी भी बहुत जल्द घोषित होंगे.उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं मिलेगा. ऐसी स्थिति में ‘आप’ भाजपा तथा कांग्रेस को छोडकर किसी भी ऐसे दल का साथ देगी जो जनलोकपाल की शर्तो को मानकर सरकार बनाएगी.

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