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EVM टेंपरिंग मामला : चुनौती देने से पहले ही NCP और माकपा ने भी छोड़ा मैदान, चुनाव आयोग को बेदाग साबित होने का रास्ता साफ

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर उठाये जा रहे सवाल और पूरे देश में छिड़े राजनीतिक रार के बीच निर्वाचन आयोग को चुनौती देने के मामले में अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी मैदान छोड़ दिया है. इन दोनों […]

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर उठाये जा रहे सवाल और पूरे देश में छिड़े राजनीतिक रार के बीच निर्वाचन आयोग को चुनौती देने के मामले में अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी मैदान छोड़ दिया है. इन दोनों राजनीतिक दलों की ओर से निर्वाचन आयोग में चुनौती स्वीकार करते हुए आवेदन जमा कराने के बाद हाथ खींच लेने से अब आयोग के लिए खुद को बेदाग साबित करने का रास्ता भी साफ हो गया है.

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गौरतलब है कि बीते शुक्रवार यानी 26 मई, 2017 तक ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में निर्वाचन आयोग को चुनौती देने के लिए आवेदन जमा कराने की अंतिम तारीख निर्धारित की गयी थी. शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे से पहले एनसीपी और माकपा ने आगामी 3 जून को देश के सभी सात राष्ट्रीय और राज्यों के 29 क्षेत्रीय दलों के सामने ईवीएम को टेंपर करके दिखाने की चुनौती स्वीकार करने का आवेदन जमा कराया था.

अब खबर आ रही है कि देश के इन दोनों राजनीतिक दलों ने भी चुनाव आयोग को चुनौती देने के मामले में आवेदन जमा कराने के बाद अपना हाथ पीछे खींच लिया है. इन दोनों पार्टियों के नेताओं का कहना है कि वे ईवीएम को हैक करने के मकसद से ईवीएम की चुनौती में भाग लेने नहीं जा रहे हैं. उनका मकसद तो केवल ईवीएम की कार्यप्रणाली को अध्ययन करने का ही है.

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 3 जून को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ईवीएम को टेंपर करने की चुनौती देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया है. माकपा की ओर से चुनाव आयोग से संबंधित मामलों को देख रहे माकपा के पूर्व सांसद नीलोत्पल बसु का कहना है कि हमारी पार्टी के तीन तकनीकी विशेषज्ञ ईवीएम की चुनौती में जायेंगे.

उनका कहना है कि 3 जून को चुनाव आयोग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हम कोई चुनौती नहीं देने जा रहे और न ही ईवीएम में कोई टैंपरिंग करने का इरादा ही है. हम ईवीएम की कार्यप्रणाली को बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं. हम चाहते है कि ईवीएम को लेकर जो अटकलें लगायी जा रही हैं, उन्हें दूर किया जाये.

वहीं, एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार ने पार्टी की ओर से ईवीएम को चुनौती देने के लिए चुनाव आयोग के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पार्टी सांसद वंदना चव्हाण को अधिकृत किया है. इस मामले में वंदना चव्हाण का भी कहना है कि उनकी पार्टी ईवीएम में छेड़छाड़ या हैकिंग के आरोपों को साबित करने के मकसद से नहीं जा रही है.

उन्होंने माकपा के नीलोत्पल बसु के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि वे सिर्फ आयोग की ओर दिये गये इस अवसर को सिर्फ अध्ययन के लिए इस्तेमाल करने जा रही है. उनकी पार्टी ईवीएम की कार्यप्रणाली का अध्ययन करना चाहती है. इसलिए उन्होंने ईवीएम चुनौती के कार्यक्रम में भाग लेने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हम इस अवसर को शैक्षिक कसरत के तौर पर देखते है.

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