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पत्नी की मां दलित निकली, तो सिख्र युवक ने कर ली खुदकुशी

नयी दिल्ली : सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देव थे. उन्होंने अपने उपदेशों में हमेशा जाति प्रथा और वर्ण भेद का विरोध किया. उसी सिख धर्म की युवा पीढ़ी अब उनके उपदेशों को नकार कर जाति का भेद करने लगी है. शादी के बाद जानकारी होने पर कि उसकी सास जट नहीं, बल्कि एक […]

नयी दिल्ली : सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देव थे. उन्होंने अपने उपदेशों में हमेशा जाति प्रथा और वर्ण भेद का विरोध किया. उसी सिख धर्म की युवा पीढ़ी अब उनके उपदेशों को नकार कर जाति का भेद करने लगी है. शादी के बाद जानकारी होने पर कि उसकी सास जट नहीं, बल्कि एक दलित हैं और उनकी कोख से ही उसकी (मनप्रीत) पत्नी ने जन्म लिया है. यह जानकारी इतनी असहनीय लगी कि मनप्रीत ने सुसाइड नोट लिखने के बाद जहरीला पदार्थ खाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली.

जनज्वार डॉट कॉम की खबर के मुताबिक, घटना पंजाब और हरियाणा की सीमा पर बसे लहरागागा स्थित खाई गांव की है. इस गांव के 22 वर्षीय युवक मनप्रीत सिंह बरार की शादी 21 मई को संगरूर निवासी रेणु कौर से हुई थी. मनप्रीत की शादी भुटाल कलां निवासी एक बिचौलिये गुरतेज सिंह के माध्यम से हुई थी. शादी के लिए बिचौलिये को 45 हजार रुपये भी दिये गये थे. शादी के बाद मनप्रीत को जानकारी मिली कि उसकी सास रासदासिया है और चूंकि उसने उनकी लड़की से शादी की है, जो उनकी कोख से पैदा हुई है. एक दलित की कोख से पैदा लेनेवाली लड़की उसकी पत्नी कैसे हो सकती है. यह बात उसके जातीय अहं को चोट करने लगी. परेशान और दुखी हो कर मनप्रीत लहरागागा वापिस आने के बाद खेतों में जा सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली.

हालांकि, पितृसत्तात्मक भारतीय समाज में पिता के वंश से ही बच्चों की पहचान होती है, ऐसे में रेणु को दलित कैसे माना जा सकता है, यह सवाल उठता है. क्योंकि, रेणु की मां का पति जट सिख है. सवाल उठता है कि क्या वाकई हमारे समाज में जातीय अहं इतने भीतर तक समा चुका है कि सवर्ण होने के सामाजिक दंभ के कारण कोई ख़ुदकुशी भी कर सकता है.

मृतक मनप्रीत के पिता बघेल सिंह कहते हैं कि सारी गलती बिचौलिये की है. उसने ही हमारे साथ धोखा किया. बिचौलिये ने पैसे लेने के बाद यह कह कर शादी करवायी थी कि रेणु कौर जटों की लड़की है, पर गरीब है. शादी के बाद जब मनप्रीत अपनी मां के साथ रेणु के घर विदाई कराने गया, तब उसे पता चला कि वास्तव में रेणु की मां रामदासिया है. रेणु की मां अपने पति की मौत के बाद एक जट सिख के साथ अपने घर में रहती है. घटना के बाद लहरागागा पुलिस ने बिचौलिये गुरतेज सिंह पर केस दर्ज कर लिया है.

मनप्रीत सिंह बरार ने क्या लिखा है सुसाइड नोट में

मैं मनप्रीत सिंह बरार हूं. बिचौलिये गुरतेज सिंह बाबा के माध्यम से मेरी शादी तय हुई थी. मैं एक जट लड़का हूं और मेरे ससुर भी जट हैं, लेकिन उनकी पत्नी रामदासिया (दलित) हैं. पहले मुझे और मेरे परिवार को बताया गया था कि वे (उनकी पत्नी और सास) भी जट हैं.

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