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CBSE के रिजल्ट में भी गिरावट, 90.95 प्रतिशत बच्चे हुए पास, त्रिवेंद्रम ने किया सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन,दिल्ली फिसड्डी

नयी दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शनिवार को यानी आज 10वीं के रिजल्ट जारी कर दिये हैं. CBSE की सभी वेबसाइटों पर यह नतीजे प्रकाशित किये गएहैं. CBSE के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. पिछले साल के मुकाबले सीबीएसइ के कक्षा 10 का पास प्रतिशत 96.21 फीसदी से गिरकर 90.95 […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शनिवार को यानी आज 10वीं के रिजल्ट जारी कर दिये हैं. CBSE की सभी वेबसाइटों पर यह नतीजे प्रकाशित किये गएहैं. CBSE के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. पिछले साल के मुकाबले सीबीएसइ के कक्षा 10 का पास प्रतिशत 96.21 फीसदी से गिरकर 90.95 रहा, परीक्षा परिणाम में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गयी.

त्रिवेंद्रम क्षेत्र का पास प्रतिशत सबसे ज्यादा 99.85 फीसदी, जिसके बाद मद्रास में 99.62 फीसदी रहा. इलाहाबाद का पास प्रतिशत 98.23 फीसदी है. वहीं, दिल्ली का पास प्रतिशत पिछले साल के 91.06 फीसदी के मुकाबले 13 फीसदी से ज्यादा गिरकर 78.09 फीसदी हुआ. इस वर्षCBSE बोर्ड से मान्यता प्राप्त करीब 16,000 स्कूलों के 16, 67, 573 विद्यार्थी इस साल 10वीं की परीक्षा में बैठे थे.

नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे विद्यार्थियों और अभिभावकों में इस कदर होड लग गई कि नतीजे घोषित करने के लिए तय समय से आधा घंटे पहले बोर्ड की वेबसाइट क्रैस कर गयी. बीते 28 मई को बोर्ड ने 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित किए थे और इसमें भी पास होने के प्रतिशत में गिरावट आयी थी.

गौरतलब है कि 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित होने के बाद अब दसवीं के स्टूडेंट्स भी बेसब्री से अपने रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे.

रिजल्ट देखने के लिए क्लिक करें :-

बताते चलें कि सीबीएसइ ने 28 मई को 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित किये थे. मॉडरेशन यानी नंबर बढ़ाने की पॉलिसी को लेकर चली खींचतान की वजह से इस बार सीबीएसइ का 12वीं का रिजल्ट भी थोड़ा लेट हो गया था. कॉलेज के हाई कट-ऑफ को देखते हुए सीबीएसइ ने मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म कर दिया था, जिसके अंतर्गत कठिन सवालों पर स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिये जाते हैं. वहीं दूसरी ओर, अभिभावकों की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मॉडरेशन पॉलिसी का अनुसरण करने का निर्देश बोर्ड को दिया था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस वर्ष परीक्षा में स्टूडेंट्स का मूल्यांकन ग्रेस मार्क्स पॉलिसी के आधार पर किया जाये. बोर्ड ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख न करने का फैसला किया था. मॉडरेशन पॉलिसी के अंतर्गत कठिन सवालों के लिए स्टूडेंट्स को 15 प्रतिशत अतिरिक्त अंक देने का प्रावधान है.

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