चुनाव आयोग का चैलेंज : NCP व CPM ने लिया हिस्सा लेकिन हैकिंग में नहीं आजमाया हाथ
नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज शनिवार को ईवीएम हैक करने की चुनौती का आयोजन किया था. इस चुनौती में दो पार्टियों ने भाग लेने की घोषणा की थी लेकिन आखिरी वक्त पर दोनों पार्टियों ने इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया. एनसीपी और सीपीएम दोनों पार्टी के प्रतिनिधि मंडल इस आयोजन में पहुंचे. […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 3, 2017 6:23 PM
नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज शनिवार को ईवीएम हैक करने की चुनौती का आयोजन किया था. इस चुनौती में दो पार्टियों ने भाग लेने की घोषणा की थी लेकिन आखिरी वक्त पर दोनों पार्टियों ने इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया. एनसीपी और सीपीएम दोनों पार्टी के प्रतिनिधि मंडल इस आयोजन में पहुंचे. पूरे आयोजन को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्तनसीम जैदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि एनसीपी के प्रतिनिधी ने हमें सूचित किया कि हम चुनौती में हिस्सा लेने नहीं बल्कि इसकी प्रक्रिया समझने आया हूं. वहीं सीपीएम ने भी चुनाव आयोग से कहा कि वे इस प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट है लेकिन चुनाव आयोग को देश के दूर -दराज इलाकों में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए. सीपीएम के प्रतिनिधिमंडल ने मशीन में लगे विभिन्न सुरक्षा जांचों पर दिए गए प्रदर्शन को देखा जबकि एनसीपी की टीम ने आयोग की तकनीकी समिति के विशेषज्ञों से बातचीत की.
दोनों पार्टियों को चार-चार ईवीएम दी गयी थी. जो दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड से लाई गयी थी. इन चार राज्यों में, हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान लगाया गया था. गौरतलब है कि यूपी चुनाव नतीजों के बाद विपक्षी पार्टियों इवीएम हैकिंग का आरोप लगाया था. चुनाव नतीजे के दिन मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी कर कहा कि भाजपा को जीताने के लिए मशीने हैक हुई. इस मुद्दे को आम आदमी पार्टी ने भी जोर -शोर से उठाया. आयोग ने सभी 7 राष्ट्रीय और 48 राज्यस्तरीय पार्टियों को ईवीएम में छेड़छाड़ करके दिखाने के चुनौती दी थी, जिसे सिर्फ 2 पार्टियों ने स्वीकार किया था.
चैलेंज को हाई कोर्ट से अनुमति
नैनीताल हाई कोर्ट ने चैलेंज को मंजूरी दे दी थी. न्यायलय ने चुनाव आयोग से कहा कि आयोग अपने विवेक से आयोजन करे. आयोग ने ईवीएम चुनौती के आयोजन को रोकने की याचिका खारिज कर दी. नैनीताल हाई कोर्ट के जज राजीव शर्मा और शरद शर्मा के खंडपीठ ने फैसले में कहा था कि चुनाव आयोग की ईवीएम सुरक्षित है. देश में ही इनकी चिप बनती है और वन टाइम प्रिंटबल है. माइक्रो नंबर सिस्टम के साथ कई ऐसे सिस्टम इनमें लगे हैं कि ये अभेद्य हो जाती है. यहां तक कि इन्हें ट्रांसपोर्टेशन या स्ट्रॉग रूम में स्टोरेज के दौरान भी हैक या छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता.
हैकिंग के मुद्दे पर सक्रिय रही आम आदमी पार्टी ने किया था किनारा
ईवीएम मुद्दे में बसपा के बाद सबसे ज्यादा सक्रिय रही आम आदमी पार्टी ने किनारा कर लिया.आप का कहना है कि चुनाव आयोग सबकुछ अपने मुताबिक कर रहा है. दरअसल आप चाहती थी कि चुनाव आयोग उसको मदर बोर्ड से छेड़छाड़ की इजाजत दे जबकि चुनाव आयोग ने मदर बोर्ड को खोलने की इजाजत देने से साफ इंकार कर दिया था. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने ईवीएम हैकिंग के मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था.