ISRO सोमवार को करेगा उपग्रह GSLV-Mark III का प्रक्षेपण, जानें भारत को इससे क्या होगा लाभ

हैदराबाद : एक वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा कल प्रक्षेपित किये जाने वाला भारी भरकम जीएसएलवी मार्क तीन राकेट अन्य देशों के चार टन श्रेणी के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की दिशा में भारत के लिए अवसर खोलेगा. इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन ने कहा कि कल का प्रक्षेपण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2017 3:03 PM

हैदराबाद : एक वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा कल प्रक्षेपित किये जाने वाला भारी भरकम जीएसएलवी मार्क तीन राकेट अन्य देशों के चार टन श्रेणी के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की दिशा में भारत के लिए अवसर खोलेगा.

इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन ने कहा कि कल का प्रक्षेपण ‘‘बड़ा मील का पत्थर’ है क्योंकि इसरो प्रक्षेपण उपग्रह की क्षमता 2.2-2.3 टन से करीब दोगुना करके 3.5- 4 टन कर रहा है.

उन्होंने कहा कि आज अगर भारत को 2.3 टन से अधिक के संचार उपग्रह का प्रक्षेपण करना हो तो हमें :इसके प्रक्षेपण के लिए: विदेश जाना पड़ता है. जीएसएलवी मार्क तीन के कामकाज शुरु करने के बाद हम संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण में आत्मनिर्भर हो जाएंगे और हमें विदेशी ग्राहकों को लुभाने में भी सफल होंगे.
उन्होंने कहा कि यह बल्कि ज्यादा साधारण प्रक्षेपण यान है और यह बेहतर पेलोड भाग वाला प्रक्षेपण यान है. यह भविष्य में इसरो का मजबूत प्रक्षेपण यान होने वाला है.
राधाकृष्णन 2000 में मंजूर जीएसएलवी मार्क तीन कार्यक्रम से करीबी रुप से जुड़े रहे हैं. वह वीएसएससी :: के निदेशक रहे और फिर इसरो के अध्यक्ष बने. वह अब इसरो के सलाहकार हैं.

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