नयी दिल्ली : ऑक्सीजन कन्संट्रेटर की कालाबाजारी के मामले में कारोबारी नवनीत कालरा को दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को जमानत दे दी. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एके गर्ग ने ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बेचे गये ग्राहकों से संपर्क नहीं करने के निर्देश कारोबारी को दिये.
अदालत ने कारोबारी को सशर्त जमानत दी है. अदालत ने कारोबारी नवनीत कालरा से कहा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा. गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा और जांच में पूरा सहयोग देगा. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कारोबारी की जमानत याचिका का विरोध किया. साथ ही पांच दिनों की कस्टडी मांगी.
लेकिन, अदालत ने दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज कर दी. साथ ही कहा कि कारोबारी नवनीत कालरा उन लोगों से संपर्क नहीं करेगा, जिन्हें ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बेचे हैं. साथ ही पुलिस द्वारा बुलाये जाने पर जांच में शामिल होने के निर्देश दिये. मालूम हो कि पुलिस ने कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी कर 524 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर जब्त किये थे.
जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक ने अदालत से कहा कि कारोबारी नवनीत कालरा ने सफेदपोश अपराध किया है. अधिक लाभ कमाने के लिए मौत से जूझ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को ऊंचे मूल्य पर ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बेचे हैं.
कारोबारी नवनीत कालरा के अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल की आपराधिक मंशा नहीं थी. केवल परिजनों और मित्रों की सहायता के तौर पर ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बेचे हैं. मुवक्किल की पैरवी करते हुए बताया गया कि कालरा ने जो कन्संट्रेटर 60 हजार रुपये में बेचे हैं, वे ऑनलाइन 89 हजार और 95 हजार रुपये में बेचे जा रहे हैं.
दिल्ली पुलिस ने याचिका में आरोप लगाया है कि चीन से मंगाये गये ऑक्सीजन कन्संट्रेटर को 16 हजार से 22 हजार से कहीं अधिक ऊंचे मूल्य 50 से 70 हजार रुपये में बेचा गया. मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने दो जमानती बांड और एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी.