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निजी अस्पतालों में 700 से लेकर 1500 रुपये में मिल रही है वैक्सीन की एक डोज, जानें क्या है कीमत बढ़ने का कारण

कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 700 से लेकर 900 के बीच है वही कोवैक्सीन की कीमत 1250 से लेकर 1500 रुपये के बीच में देखी जा रही है. यह प्राइज रेट वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल होने वाली वेबसाइट कोविन से पता चली है जहां कई बड़े निजी अस्पतालों के नाम शामिल है जहां वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चल रहा है. इन बड़े अस्पतालों में अपोलो, मैक्स जैसे कई बड़े अस्पताल शामिल हैं.

देश में कोरोना वैक्सीन सरकारी के साथ- साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी मिल रहा है. वैक्सीन की कीमत इन निजी अस्पतालों में लगभग छह गुना से ज्यादा बढ़ गयी है. पहले कोरोना वैक्सीन 250 रुपये में ली जा सकती थी जिसकी कीमत अब 700 से लेकर 1500 के बीच हो गयी है.

कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 700 से लेकर 900 के बीच है वही कोवैक्सीन की कीमत 1250 से लेकर 1500 रुपये के बीच में देखी जा रही है. यह प्राइज रेट वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल होने वाली वेबसाइट कोविन से पता चली है जहां कई बड़े निजी अस्पतालों के नाम शामिल है जहां वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चल रहा है. इन बड़े अस्पतालों में अपोलो, मैक्स जैसे कई बड़े अस्पताल शामिल हैं.

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भारत में ज्यादातर लोगों को कोरोना वैक्सीन मुफ्त में दी जा रही है. सरकारी अस्पताल या कैंप के जरिये वैक्सीनेशन सेंटर में लोगों से पैसे नहीं लिये जा रहा है लेकिन अगर आप निजी अस्पताल में वैक्सीन लेना चाहते हैं या कतार से बचना चाहते हैं तो पैसे देकर भी वैक्सीन ले सकते हैं. आंकड़े बताते हैं कि भारत में वैक्सीन की कीमत दुनिया के दूसरे कुछ देशों के मुकाबले ज्यादा है. यहां आपको कोविशील्ड के लिए 12 डॉलर और कोवैक्सीन के लिए 17 डॉलर तक खर्च करना पड़ सकता है.

केंद्र सरकार इन दोनों वैक्सीन को बनाने में 150 रुपये का खर्च कर रही है और वैक्सीन राज्यों तक पहुंचा रही है. प्राइवेट अस्पतालों को इसके ऊपर से 100 रुपये ज्यादा लेने की इजाजत दी गयी है जिसमें निजी अस्पतालों ने भी माना है कि इससे उनके यहां इस्तेमाल किया जा रहा मैन पावर और बाकि चीजों का खर्चा निकल जायेगा. कई अस्पताल अब भी है जो वैक्सीनेशन के लिए 250 से 300 रुपये चार्ज कर रहे हैं.

ऐसे में सवाल उठता है कि वैक्सीन की कीमत इतनी कैसे कई निजी अस्पतालों में बढ़ गयी है. अग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने मैक्स अस्पताल के प्रवक्ता से बात की. मैक्स अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि वैक्सीन की कीमत 660 से 700 रुपये इसलिए हो गये हैं क्योंकि इसमें जीएसटी, ट्रांसपोर्टेशन का खर्च, इसे लाने में 5 से 6 फीसद वैक्सीन बर्बाद हो जाता है. इसमें हैंड सैनिटाइजर, पीपीई किट, अस्पताल के कर्मचारियों का खर्च जोड़कर यह प्राइज आती है.

वैक्सीन कीमतों का देश के अलग- अलग अस्पतालों में अंदाजा लगाये तो यह प्राइवेट अस्पतालों में 700 से शुरू होकर 1500 रुपये तक जाती है. मुंबई के एचएन रिलायंस में वैक्सीन 700 रुपये में मिल रही है जबकि बेंगलुरु और कोलकाता के कई अस्पतालों में प्राइज रेट 1500 सौ रुपये है. इसके साथ ही बीच में कई ऐसे शहर है जहां वैक्सीन कहीं 800 तो कहीं 900 तो कहीं 1200 तो कहीं 1250 रुपये में मिल रही है. देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कीमत अलग- अलग है. जाहिर है कि निजी अस्पतालों में मिल रही वैक्सीन की कीमत दोनों कंपनियों द्वारा तय किये गये कीमत से ज्यादा है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का मानना है कि अस्पताल वैक्सीन बनाने वालों के लिए मुनाफा कमा रहे हैं इस पर ध्यान देना होगा.

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देश के कई राज्यों ने केंद्र से अपील की है कि उनके पास वैक्सीन की कमी है. दिल्ली में हर दिन एक लाख लोगों को वैक्सीन दिया जा रहा है अब उनके पास सिर्फ 5 दिनों का स्टॉक है. महाराष्ट्र में भी वैक्सीन की कमी है स्वास्थ्य मंत्री ने बताया है कि उनके आर्डर को रोक दिया गया है. तेलंगाना में वैक्सीन की कमी की वजह से 18 से ज्यादा उम्र के लोगों के बीच अबतक वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ है. केरला ने शिकायत की है कि उन्हें सिर्फ 2 लाख वैक्सीन दी गयी है जबिक उन्होंने एक करोड़ डोज की मांग की थी.

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