भोपाल : मध्य प्रदेश के आगर मालवा के जनपद पंचायत सुसनेर के एक सब-इंजीनियर राजकुमार सिंह यादव ने अनोखे अंदाज में छुट्टी के लिए आवेदन लिखा है. अपने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखे आवेदन में उन्होंने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन आवैसी को अपने पूर्व जन्म का सखा नकुल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक को शकुनी मामा बताया है. सब-इंजीनियर राजकुमार यादव ने रविवार को काम पर न आने के पीछे चौंकाने वाला कारण बताया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, जनपद पंचायत सुसनेर में सब-इंजीनियर के पद पर कार्य कर रहे राजकुमार सिंह यादव ने अपने छुट्टी के लिए आवेदन में लिखा है, ‘मैंने सपना देखा है कि असदुद्दीन ओवैसी मेरे बचपन के दोस्त ‘नकुल’ थे और मोहन भागवत मेरे पिछले जन्म में ‘शकुनि मामा’ थे. इसलिए, मैं अपने जीवन के बारे में और जानने के लिए रविवार को भगवद गीता पाठ करना चाहता हूं.’
Madhya Pradesh | "I dreamt that Asaduddin Owaisi was my childhood friend 'Nakul' & Mohan Bhagwat was 'Shakuni Mama' in my past life. Hence, I want to do Bhagavad Gita paath on Sundays to know more about my life," writes sub-engineer Rajkumar Yadav in a leave application pic.twitter.com/aj8nAJ6GZY
— ANI (@ANI) October 11, 2021
मध्य प्रदेश के आगर मालवा में सब-इंजीनियर ने अपने वरिष्ठ को छुट्टी की अर्जी लिखकर कहा है कि उसे अपने पिछले जीवन की याद आ गई है और वह अपने जीवन के बारे में और जानने के लिए भगवद गीता पाठ करना चाहते हैं और हर रविवार को अहंकार मिटाने के लिए भीख मांगना चाहते हैं.
ट्विटर पर शेयर किए गए आवेदन में सब-इंजीनियर राजकुमार सिंह यादव ने अपने कार्यपालन अधिकारी को लिखा है, ‘सविनय नम्र निवेदन है कि प्रार्थी राजकुमार सिंह यादव आपकी जनपद पंचायत सुसनेर में उपयंत्री के पद पर पदस्थ हूं. मैं रविवार को जनपद के किसी कार्य में उपस्थित नहीं हो पाऊंगा. क्योंकि, मुझे कुछ दिन पहले ही आभास हुआ है कि आत्मा अमर होती है.’
सब-इंजीनियर राजकुमार सिंह यादव ने अपने आवेदन में आगे लिखा है, ‘मुझे अपने पिछले जन्म का भी आभास हुआ है. असदुद्दीन ओवैसी मेरे पिछले जन्म के सखा नकुल थे और मोहन भागवत शकुनी मामा, इसलिए मैं अपने जीवनको जाननेके लिए गीता का पाठ करना चाहता हूं.’
Also Read: जबलपुर के 59 अनाथ बच्चों के अभिभावक बने ‘मामा’ शिवराज सिंह चौहान, भरण-पोषण के साथ पढ़ाई का किया इंतजामउन्होंने लिखा, ‘मैं प्रत्येक रविवार के दिन अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए एक गेहूं का दाना घर-घर जाकर भीख मांगकर इकट्ठा करूंगा, ये मेरी आत्मा का सवाल है. मैं समझता हूं कि आप मुझे प्रत्येक रविवार को छुट्टी देने की कृपा करेंगे.’