अभिभावक के Aadhaar की अनुमति के बिना बच्चे नहीं कर पाएंगे इंटरनेट यूज, जानिए क्या है नया डेटा सुरक्षा नियम

18 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे को इंचरनेट प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए उसके माता-पिता या अभिभावक की सहमति लेनी होगी. इसके लिए अभिभावक का डिजीलॉकर ऐप या इलेक्ट्रॉनिक टोकन प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है. डिजिलॉकर ऐप का उपयोग पेरेंट्स के आधार डिटेल्स पर आधारित है.

By Pritish Sahay | December 17, 2023 1:57 PM
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New Data Protection Rules: अब बच्चे अपने अभिभावक की अनुमति के बिना डेटा इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. सरकार इंटरनेट डेटा के नये नियम पर विचार कर रही है. इसके तहत ऑनलाइन सर्विसेज के इस्तेमाल के लिए बच्चों की उम्र वेरीफाई करने और उनके पेरेंट्स की अनुमति लेने के लिए अब आधार बेस्ड सिस्टम की शुरुआत हो सकती है. बता दें, यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के आने वाले डेटा प्रोटेक्शन रूल्स में शामिल किया गया है. वहीं डेटा ब्रीच को लेकर यूजर्स को जानकारी देने के लिए तकनीकी कंपनियों के लिए दो-चरणीय अधिसूचना उपाय शुरू करना भी प्रमुख प्रस्तावों में से एक है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डाटा प्रोटेक्शन रूल्स को लेकर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय आगामी 19 दिसंबर को एक बैठक करने वाला है. जिसमें इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स शामिल होंगे. केंद्र सरकार इस मुद्दे पर इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स से बातचीत करेगी. बता दें,  डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम को लेकर चार महीने पहले यानी अगस्त में अधिसूचित किया गया था. इससे पहले अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि नियमों को बनाने का काम चल रहा है. उन्होंने यह भी बताया था कि नियम बहुत स्पष्ट भाषा में होंगे.

बदलने होंगे 25 नियम
गौरतलब है कि इस अधिनियम को उपयोग में लाने के लिए कम से कम 25 नियम बनाने होंगे. हालांकि सरकार को किसी भी प्रावधान के लिए नियम बनाने का अधिकार भी दिया गया है जो वह उचित समझे. इसपर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि नियम चुस्त और तकनीक के साथ बदलने की क्षमता वाले होंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि नियम कानून की तरह सरल होंगे.

वेरिफिकेशन के हो सकते हैं दो तरीके
बच्चों के ऑनलाइन सेवा के उपयोग करने से पहले उनकी उम्र को प्रूव करने के लिए एक सिस्टम विकसित करना होगा. इसी को लेकर अधिनियम में यह साफ कर दिया गया है कि कंपनियों को 18 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे को इंचरनेट प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए उसके माता-पिता या अभिभावक की सहमति लेनी होगी. इसके लिए अभिभावक का डिजीलॉकर ऐप या इलेक्ट्रॉनिक टोकन प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है. डिजिलॉकर ऐप का उपयोग पेरेंट्स के  आधार डिटेल्स पर आधारित है. वहीं, इलेक्ट्रॉनिक टोकन प्रणाली की अनुमति तभी मिलगी जब इसे सरकार अधिकृत करेगी. 

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