aadhaar uidai: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की ओर से आधार कार्ड जारी करने के बारे में बड़ा अपडेट दिया है. UIDAI ने कहा है कि एक खास वर्ग को अब आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनवाने के लिए आवास के पता का प्रमाण यानी एड्रेस प्रूफ (Aadhaar Card Without Address Proof) देने की जरूरत नहीं होगी. UIDAI ने सुप्रीम कोर्ट में यह बात कही है.
यौनकर्मियों को नहीं देना होगा एड्रेस प्रूफ
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को UIDAI ने बताया कि आधार कार्ड बनवाने के लिए यौनकर्मियों (Prostitute) से किसी तरह का निवास प्रमाण पत्र नहीं मांगा जायेगा. UIDAI ने कहा है कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (National AIDS Control Organisation – NACO) द्वारा दिये जाने वाले प्रमाण-पत्र के आधार पर ही यौनकर्मियों को आधार कार्ड (Aadhaar Card to Prostitutes without Address Proof) जारी कर दिया जायेगा. बता दें कि वर्ष 2011 से ही सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में सुनवाई चल रही थी.
आधार के लिए जरूरी हैं ये दस्तावेज (Documents for Aadhaar Card)
आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों को पहचान पत्र के साथ-साथ उम्र का प्रमाण पत्र और एड्रेस प्रूफ भी देना पड़ता है. इतना ही नहीं, आधार कार्ड बनवाते समय लोगों को ई-मेल या मोबाइल फोन भी अनिवार्य रूप से देना पड़ता है. लेकिन, यौनकर्मियों के मामले में UIDAI ने तय किया है कि उनसे आवास के प्रमाण का पता नहीं मांगा जायेगा.
NACO के अधिकारी का प्रमाण पत्र होगा मान्य
UIDAI ने कहा है कि NACO के किसी राजपत्रित अधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र को ही वह स्वीकार करेगा और उसके आधार पर आधार कार्ड जारी कर देगा. बता दें कि NACO केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Health and Family Welfare Ministry) के अधीन काम करता है और उसके पास यौनकर्मियों के सारे आंकड़े उपलब्ध हैं.
भुखमरी की कगार पर पहुंच गया था यौनकर्मियों का समूह
UIDAI ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एलएन राव की अगुवाई वाली बेंच के सामने इससे संबंधित एक प्रोफॉर्मा भी पेश किया. जस्टिस राव की अगुवाई वाली पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पेशा छोड़ने की इच्छुक यौनकर्मियों के पुनर्वास (Rehabilitation of Prostitutes) और उनको सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं (Social Security Schemes) का लाभ दिलाने से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान UIDAI ने कोर्ट के सामने यह प्रस्ताव रखा.
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सुप्रीम कोर्ट ने UIDAI को किया था नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को UIDAI को इस संबंध में नोटिस जारी किया था और पूछा था कि क्या यौनकर्मियों को NACO की ओर से जारी प्रमाण पत्र को एड्रेस प्रूफ मानते हुए उन्हें आधार कार्ड जारी किया जा सकता है. इस पर UIDAI ने सहमति जतायी है.
कोरोना काल में संकट से जूझती रहीं यौनकर्मी
कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) के संक्रमण काल में यौनकर्मियों को घोर संकट से जूझना पड़ा. सीनियर एडवोकेट जयंत भूषण और पीयूष के रॉय ने कोर्ट को बताया कि जब सब कुछ बंद हो गया था, तो यौनकर्मियों को भुखमरी (Starvation) का सामना करना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें मुफ्त राशन (Free Ration) तक नहीं मिल पाया, क्योंकि उनके पास आधार कार्ड (Aadhaar Card) नहीं था. सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है और यौनकर्मियों के पास एड्रेस प्रूफ नहीं होता. ऐसे में उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है.
सभी यौनकर्मियों को मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड दें
दोनों वकीलों ने ही सुझाव दिया कि सरकार NACO के रिकॉर्ड के आधार पर यौनकर्मियों को आधार कार्ड जारी करे. UIDAI ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा में कहा कि वह इसके लिए तैयार है. 14 दिसंबर 2021 को कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी राज्य सरकारें यौनकर्मियों को मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड उपलब्ध कराने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करें.
महाराष्ट्र और बंगाल ने नहीं दिया जवाब
असम, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तर प्रदेश एवं ओड़िशा की सरकारों ने सभी जिला कलक्टरों को निर्देश दिये हैं कि वे नाको की लिस्ट में शामिल सभी यौनकर्मियों का मतदाता पहचान पत्र बनाना सुनिश्चित करें. हरियाणा ने अपने विधि विभाग से कहा है कि सभी यौनकर्मियों को न केवल मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाये, बल्कि उन्हें सूखा राशन भी मुहैया कराया जाये. केरल, तमलिनाडु और पुडुचेरी ने भी इस दशा में कदम उठाये हैं. हालांकि, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है.
Posted By: Mithilesh Jha