Aam Aadmi Party: अब विदेशी चंदे की जाल में उलझी आप

Aam Aadmi Party: की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. विदेश से चंदा हासिल करने के मामले में नियमों की अनदेखी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने गृह मंत्रालय को सौंपा रिपोर्ट .

By Vinay Tiwari | May 20, 2024 7:54 PM
an image

Aam Aadmi Party: शराब घोटाले में घिरी आम आदमी पार्टी अब विदेश से चंदे हासिल करने में मामले में मुसीबत में फंसती दिख रही है. आम आदमी पार्टी पर आरोप है कि वर्ष 2014 से 2022 के दौरान 7.08 करोड़ रुपये विदेश से चंदा हासिल किया. चंदे में फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट(एफसीआरए) के नियमों की अनदेखी की गयी. सूत्रों के अनुसार इस बारे में प्रवर्तन निदेशालय ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आप को अमेरिका, कनाडा, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, न्यूजीलैंड और कतर से पैसा मिला. इससे पहले आप पर खालिस्तानी संगठनों से भी फंडिंग के आरोप लगे हैं, जिसकी एनआईए से जांच की सिफारिश की गयी है. 

आप पर क्या है आरोप

प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेशों से फंड हासिल करने में आप और उसके नेताओं ने गंभीर अनियमितता बरती है. कनाडा में वर्ष 2016 में इकट्ठा किए गए फंड का उपयोग आप विधायक दुर्गेश पाठक ने व्यक्तिगत काम के लिए किया. जांच एजेंसी ने आप कार्यकर्ताओं और नेताओं के ईमेल और अन्य स्रोतों से जुटायी गयी जानकारी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है. आरोप है कि आम आदमी ने असली दानदाताओं के नाम को जानबूझकर छिपाया, जिससे चंदा हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों के लिए बने नियमों की अनदेखी की जा सके. असली दानदाताओं के बजाय पार्टी ने दानदाताओं के दूसरे नाम दिए और ऐसा करना एफसीआरए की धारा 3 और जनप्रतिनिधित्व कानून 1958 की धारा 298 का उल्लंघन है. रिपोर्ट में कहा गया है कई दानदाताओं के पासपोर्ट नंबर, ईमेल और मोबाइल नंबर एक हैं. 

आप ने बताया राजनीतिक साजिश

प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट काे आम आदमी पार्टी ने राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले जानबूझकर इसे उठाया जा रहा है. भाजपा राजनीतिक तौर पर आप का मुकाबला नहीं कर सकती है और दिल्ली में हार को देखते हुए पार्टी को बदनाम किया जा रहा है. दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि शराब घोटाले और स्वाति मालीवाल प्रकरण से भाजपा को जब फायदा होता नहीं दिखा तो अब नया मामला सामने लाया जा रहा है.यह पुराना मामला है और पार्टी की ओर से ईडी, सीबीआई, गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग को जानकारी दी जा चुकी है. 

Exit mobile version