आम आदमी पार्टी ने पंजाब सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब को प्रशांत किशोर का नहीं पंजाबियों का बजट चाहिए. सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए आप नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने बजट पर बोलते हुए कहा कि पहले पंजाब सरकार का बजट पांच तारीख को सदन में पेश किया जाना था, लेकिन प्रशांत किशोर के कहने पर बजट की तारीख बढ़ाई गई और फिर उसे 8 तारीख को पेश किया गया.
इस बजट को कैप्टन सरकार के वित्त मंत्री ने नहीं, प्रशांत किशोर ने बनाया है. इससे पता चलता है कि कैप्टन कितने नाकाम और आलसी मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या पंजाब सरकार इतनी निकम्मी हो गई है की बाहरी लोगों से पंजाब का बजट बनवा रही है? यह प्रशांत किशोर जो बाहर से आया है और 3 दिन पंजाब में बिताया है, क्या वह पंजाब के लोगों का दुख-दर्द समझ सकता है? पंजाब के लोगों को पंजाबियों का बजट चाहिए, प्रशांत किशोर का नहीं.
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सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के सामने चीमा ने कहा कि हम कैप्टन को बोलना चाहते हैं कि अगर आप पंजाब को नहीं संभाल पा रहे हैं तो पंजाब में कई सारे पंजाबी लोग हैं जो इस राज्य को संभालने में सक्षम हैं. पंजाबी खुद इतने सक्षम है कि वे अपना राज्य अच्छे से चला सकते हैं. अपना राज्य संभालने के लिए उनको बाहर से किसी को लाने की जरूरत नहीं है.
बाहरी व्यक्ति से पंजाब का बजट बनवाकर कैप्टन ने साबित कर दिया है कि वे राज्य को चलाने में सक्षम नहीं है. उन्होंने प्रशांत किशोर के हाथ में पंजाब चलाने की जिम्मेदारी देकर पंजाब और पंजाबियों को धोखा दिया. कैप्टन अमरिंदर सिंह को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री पद इस्तीफा दे देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर का बजट 2017 के कैप्टन के चुनावी घोषणापत्र की तरह ही झूठ का एक थैला है. बजट में जितने भी योजनाएं की घोषणा की गई है, वे सब जुलाई 2021 से प्रभाव में आएगा. कुल मिलाकर यह बजट मात्र तीन महीने के लिए बनाया गया है. उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में सरकार ने कृषि ऋण माफी के लिए किए गए फंड आवंटन में भी कमी की है. सरकार ने किसानों के कर्ज माफी के लिए मात्र 1400 करोड़ रुपए आवंटित किये है.
उसमें भी सरकार ने दलित कृषि ऋण माफी के लिए एक रुपए भी इस बार के बजट में आवंटित नहीं किया है. कैप्टन सरकार ने अपने झूठे वादों को पूरा करने के चक्कर में पंजाब पर 84000 करोड़ रु का कर्ज लाद दिया है. ये लोग राज्य को कर्ज की खाई में धकेल रहे हैं.
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इसके विरोध में सोमवार को आप विधायकों ने भी प्रदर्शन किया. उन्होंने चंडीगढ़ के एमएलए हॉस्टल से पंजाब विधानसभा तक पैदल मार्च किया और सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाए .