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AAP: आम आदमी पार्टी की दिल्ली में हार का पंजाब में होगा व्यापक असर

दिल्ली की सत्ता से आम आदमी पार्टी बाहर होती है तो उसका असर पंजाब, गोवा और गुजरात में भी दिखायी देगा. एक दशक पहले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बनी आम आदमी पार्टी ने पहले ही चुनाव में 28 सीट जीतकर तहलका मचा दिया था. लेकिन यदि आम आदमी पार्टी की हार होती है, तो केजरीवाल का दिल्ली मॉडल बिखर जायेगा.

AAP: एग्जिट पोल के नतीजों में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के संकेत दिख रहे हैं. अधिकांश एग्जिट पोल में 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा के वापसी की संभावना जतायी गयी है. अगर मतगणना के बाद दिल्ली की सत्ता से आम आदमी पार्टी बाहर होती है तो उसका असर पंजाब, गोवा और गुजरात में भी दिखायी देगा. एक दशक पहले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बनी आम आदमी पार्टी ने पहले ही चुनाव में 28 सीट जीतकर तहलका मचा दिया था. लेकिन कांग्रेस के साथ बनी सरकार सिर्फ 49 दिन ही चल सकी. इसके बाद वर्ष 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीट जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की और फिर 2020 में भी शानदार प्रदर्शन किया. 

मुफ्त बिजली, पानी, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था का मॉडल पेश कर पार्टी दूसरे राज्यों में भी विस्तार करने में जुट गयी और वर्ष 2022 के पंजाब विधानसभा जीतकर एक नयी मिसाल पेश की. फिर गुजरात और गोवा में भी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन कर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर लिया. लेकिन पिछले 11 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान प्रदूषण, पानी की समस्या और सड़कों की स्थिति बेहतर नहीं हो सकी. इस बार चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने भ्रष्टाचार, यमुना की सफाई, प्रदूषण और पानी की कमी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाया. एग्जिट पोल के आंकड़ों से लगता है कि इन मुद्दों का असर चुनाव पर हुआ है.


आप की आगे की राह हो सकती मुश्किल

दिल्ली से शुरू हुई आम आदमी पार्टी की राह चुनाव हारने पर आने वाले समय में मुश्किल भरी हो सकती है. दिल्ली मॉडल का हवाला देकर ही पार्टी दूसरे राज्यों में जनाधार हासिल करने की कोशिश कर रही है. ऐसे में दिल्ली में हार के बाद आप का दिल्ली मॉडल ही फेल साबित हो जायेगा. दिल्ली के चुनाव परिणाम का सबसे अधिक असर पंजाब की राजनीति पर पड़ने की संभावना जतायी जा रही है. दिल्ली की हार से आप की पंजाब सरकार पर संकट के बादल छा सकते हैं. पार्टी के अंदर हार के बाद गुटबाजी तेज होगी और मान सरकार के खिलाफ विपक्ष और आक्रामक होगा. साथ ही इस हार से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए भविष्य की राह मुश्किल होगी. साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के लक्ष्य को ग्रहण लगेगा. 


दिल्ली की सत्ता गंवाने के बाद पार्टी के कई नेता दूसरे दलों में शामिल हो सकते हैं. आप की हार का सबसे अधिक फायदा कांग्रेस को होने की संभावना है. कांग्रेस आप की हार के बाद अपने पुराने परंपरागत मुस्लिम और दलित मतदाताओं को आसानी से साध सकेगी. पंजाब और दूसरे राज्यों में भी आप के कमजोर होने का लाभ कांग्रेस को मिलेगा. लेकिन यदि आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा का चुनाव जीतती है, तो कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता एक बार फिर से आप की ओर रुख करेंगे. कांग्रेस का पंजाब में भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है साथ ही इंडिया गठबंधन में भी आप की स्थिति मजबूत होगी.

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